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आध्यात्म

पंजाब के गोल्डन टेम्पल में युवक ने की बेअदबी की कोशिश, भीड़ ने पीट-पीट कर उतरा मौत के घाट

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पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी घटना हुई है। एक शख्स ने अमृतसर स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में घुसकर तलवार उठाने की कोशिश की, जिसके बाद इस शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं, तमाम राजनीतिक दलों ने इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है।

युवक ने ग्रिल फांद कर उठा ली थी तलवार

अमृतसर के गोल्डन टेम्पल में एक युवक ने बेअदबी की कोशिश की थी। हैरान करने वाली घटना में युवक ग्रिल फांदकर गुरुग्रंथ साहिब के करीब पहुंच गया और तलवार उठा ली। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ा और फिर गुस्साए लोगों ने युवक की पिटाई शुरू कर दी। पिटाई के दौरान युवक की मौत हो गई।

गुस्साई भीड़ ने पीट-पीट कर की हत्या

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने बेअदवी की कोशिश की निंदा की है। सीएम चन्नी ने पुलिस अधिकारियों को जांच का आदेश दिए है। इस संवेदनशील मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पंजाब सरकार को जांच में मदद का भरोसा दिलाया है।

उत्तर प्रदेश का रहने वाला था युवक

जानकारी के मुताबिक बेअदबी की कोशिश करने वाला युवक उत्तर प्रदेश का रहने वाला था, लेकिन अभी तक उसकी पूरी पहचान सामने नहीं आ पाई है। घटना के बाद पुलिस ने कहा, ‘’एक लड़का जिसकी उम्र करीब 24 से 25 साल की रही होगी और वह दरबार साहब के अंदर चला गया। बाद में कुछ लोगों ने उसे काबू किया। काबू करने के बाद उसे बाहर लाया गया और उससे झड़प हुई और फिर उसकी जान चली गई। बॉडी को सिविल हॉस्पिटल में भेज दिया गया।’’

 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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