Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

‘चांद’ नहीं तो ‘ईद’ नहीं, जानिए दोनों का खास रिश्ता

Published

on

Loading

 

ईद करीब है। यूँ तो अल्लाह की इबादत के लिए हर दिन पांच वक़्त मुक़म्मल है। फिर भी माह ए रमज़ान में अल्लाह तआला की इबादत का शवाब कुछ ज्यादा ही मिलता है। ईद को मद्देनज़र रखते हुए बाज़ारों की रौनक बढ़ गयी है। हर किसी को बस अब ईद के चांद का इंतज़ार है क्योकि अगर चाँद दिखा तो आज ईद मनेगी वरना नहीं। क्या आप जानते हैं कि ईद और चांद के बीच क्या ताल्लुकात है और क्यों बिना चाँद के दीदार किये ईद नहीं मनाई जाती।

दरअसल, ईद-उल-फितर हिजरी कैलेण्डर (हिजरी संवत) के दसवें महीने शव्वाल (शव्वाल उल-मुकरर्म) की पहली तारीख को मनाई जाती है। हिजरी कैलेण्डर, इस्लाम में काफी पाक माना जाता है क्योंकि इससे एक ऐतिहासिक घटना जुड़ी है, ये उस दिन से शुरू होता है, जिस दिन हजरत मुहम्मद साहब ने मक्का शहर से मदीना की ओर प्रवास किया था।

आपको बता दें , हिजरी संवत चांद पर आधारित कैलेण्डर है। इस संवत के बाकी के अन्य महीनों की तरह शव्वाल महीना भी ‘नया चांद’ देख कर ही शुरू होता है। यदि इस महीने का पहला चांद नजर नहीं आता है, तो माना जाता है कि रमजान का महीना अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए ईद उसके 24 घंटे बाद यानी कि अगले दिन मनाई जाती है।

मूल रूप से मुसलमानों का त्योहार ईद भाईचारे को बढ़ावा देने वाला पर्व है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा से पहले हर मुसलमान का फर्ज है कि वो दान दे, इस दान को जकात उल-फितर कहते हैं।

रोजा की समाप्ति की खुशी के अलावा ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर रोजा रखने की शक्ति दी। ईद का दिन उत्सव जैसा होता है इसलिए इस दिन बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफों का आदान-प्रदान होता है। सेवईं इस त्योहार मुख्य खाद्य पदार्थ है, इसी कारण ये ‘मीठी ईद’ कहलाती है।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending