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जुर्म

‘अगर देश में मुस्लिम पीएम बना तो…’ यति नरसिंहानंद ने दिल्ली में दिया भड़काऊ भाषण

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यति नरसिंहानंद और विवाद जैसे एक दूसरे के पर्यायवाची होते जा रहे हैं। दिल्ली में ‘हिंदू महापंचायत’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में यति नरसिंहानंद भी पहुंचे। नरसिंहानंद ने भाषण दिया। नरसिंहानंद ने जो कहा, वो भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के संविधान और कानून का पूरी तरह से उल्लंघन था। नरसिंहानंद ने हिंदुओं से हथियार उठाने की बात कह डाली।

उन्होंने कहा, “अगर इस देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री बना तो अगले 20 सालों में 50 प्रतिशत हिंदू अपना धर्म बदल लेंगे। 40 प्रतिशत हिंदुओं का कत्ल होगा। अगर ऐसा नहीं होने देना चाहते तो मर्द बनो। मर्द कौन होता है? मर्द वो होता है जो अपने पास हथियार रखता है।”

दिल्ली के बुराड़ी में इस महापंचायत का आयोजन सेव इंडिया फाउंडेशन के प्रीत सिंह ने कराया था। ये वही प्रीत सिंह हैं, जो पिछले साल जंतर मंतर के उस कार्यक्रम का भी आयोजक थे, जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती नारे लगाए गए थे। दिल्ली पुलिस ने प्रीत सिंह को अरेस्ट भी किया था। यति नरसिंहानंद तो वैसे भी बेल पर हैं। यति के लिए आज की जहरीली भाषणबाजी कोई नहीं बात नहीं है। हरिद्वार हिंदू धर्म संसद में भी यति ने भड़काऊ बयान दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर पुलिस की अनुमति के बिना कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दर्ज की गई है। वहीं, दूसरी एफआईआर कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों के साथ कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ दर्ज की गई है और तीसरी एफआईआर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के लिए दर्ज की गई है।

पत्रकारों संग हुई मार-पीट?

दिल्ली की इस हिंदू महापंचायत में एक बवाल और हुआ। अलग-अलग मीडिया संस्थानों से जुड़े कुछ पत्रकारों ने दावा किया कि जब वो इस कार्यक्रम को कवर करने गए थे, तो उनके साथ वहां मौजूद भीड़ ने मारपीट की। कुछ ने ये आरोप भी लगाए कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें मुखर्जीनगर थाने ले जाया गया। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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