Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

जुर्म

मैरिटल रेप पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पड़ी, ‘शादी क्रूरता का लाइसेंस नहीं, पति की ज़बरदस्ती भी है बलात्कार’

Published

on

Loading

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अपनी पत्नी से बलात्कार के आरोपी पति के खिलाफ आरोप तय करने को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा, बलात्कार बलात्कार होता है, चाहे वह किसी पुरुष द्वारा किसी महिला पर किया गया हो या किसी पति द्वारा अपनी पत्नी पर।

बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच ने आरोपी पति पर पत्नी से बलात्कार के आरोप को बरकरार रखा। मामले में टिप्पणी करते हुए बेंच ने कहा, “एक पुरुष जो किसी महिला का यौन उत्पीड़न या बलात्कार करता है, आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय है। विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता का तर्क है कि यदि पुरुष पति है, तो वह वही कार्य करता है जो दूसरे पुरुष के समान कार्य करता है, उसे छूट है। मेरे विचार से, इस तरह के तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। एक आदमी एक आदमी है; एक कृत्य एक कृत्य है और रेप रेप है, चाहे वह एक पुरुष द्वारा महिला पर किया गया हो, या पति द्वारा पत्नी पर।”

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता का यह निवेदन है कि पति अपने किसी भी कार्य के लिए विवाह संस्था द्वारा संरक्षित है, और मेरे विचार में, विवाह का मसतब यह कतई नहीं कि किसी शख्स को विशेष पुरुष विशेषाधिकार या क्रूर जानवर जैसा व्यवहार करने का लाइसेंस प्रदान मिल जाए। यदि यह एक पुरुष के लिए दंडनीय है, तो यह एक पति के लिए भी उतना ही दंडनीय होना चाहिए।

हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि यह विधायिका के लिए है कि वह इस मुद्दे पर विचार करे और छूट के बारे में भी विचार करे। यह न्यायालय नहीं बता रहा है कि वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए या इस अपवाद को विधायिका द्वारा हटा दिया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर विधायिका को विचार करना चाहिए। यदि बलात्कार के आरोप को कथित अपराधों के खंड से हटा दिया जाता है, तो यह शिकायतकर्ता पत्नी के साथ घोर अन्याय होगा।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

Published

on

Loading

कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

Continue Reading

Trending