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हाशिमपुरा नरसंहार में चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग

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हाशिमपुरा नरसंहार में चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग

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हाशिमपुरा नरसंहार में चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग

नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से 1987 में हुए हाशिमपुरा नरसंहार मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की भूमिका की जांच करने का आदेश देने की मांग की। चिदंबरम उस वक्त केंद्रीय गृह मंत्री थे। स्वामी ने न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ से कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को इस मामले में सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए।

स्वामी ने कहा, “यह जनसंहार का मामला है।” उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले से जुड़े दस्तावेजों को नष्ट कर रही है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के हाशिमपुरा गांव में 22 मई 1987 को कथित रूप से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) कर्मियों ने 42 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी और उनके शवों को नहर में बहा दिया था।

स्वामी ने अपनी अपील में निचली अदालत के 8 मार्च 2013 के फैसले को चुनौती दी है। निचली अदालत ने इस मामले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करवाने की स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया था।

अदालत इसके अलावा इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग (एनएचआरसी), उत्तर प्रदेश सरकार, पीड़ितों के परिजन और हादसे में जिंदा बचे लोगों की याचिका पर भी सुनवाई कर रही है। ये याचिकाएं निचली अदालत द्वारा 19 मई को सुनाए गए फैसले में 16 पीएएसी कर्मियों को बरी करने के खिलाफ दायर की गई हैं।

खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले से जुड़ी फाइलों को दाखिल करने का आदेश दिया है। अब इस मामले पर 19 मई को सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान स्वामी ने कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि अतिरिक्त आवेदन से अनावश्यक रूप से मामले में देरी होगी।

पिछले साल 21 मार्च को निचली अदालत ने पीएसी के आरोपी 16 कर्मियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था और कहा था कि इनकी पहचान सुनिश्चित करने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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