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उत्तराखंड

20 वर्षों बाद हुई हरक की घर वापसी

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डा. हरक सिंह रावत, 20 वर्षों बाद घर वापसी, राजनैतिक करियर भाजपा के साथ

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डा. हरक सिंह रावत, 20 वर्षों बाद घर वापसी, राजनैतिक करियर भाजपा के साथ

harak singh rawat

भाजपा से ही हुई थी रावत की राजनीतिक शुरुआत

श्रीनगर (गढ़वाल)। गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से अपनी राजनीतिक शुरुआत करने वाले डा. हरक सिंह रावत का राजनैतिक करियर भाजपा से ही शुरू हुआ है। 1996 में भाजपा से अलग हुए रावत ने 20 वर्षों बाद फिर से घर वापसी की है। इन 20 वर्षों में रावत ने कई दलों का दामन छोड़ा और पकड़ा है। भाजपा नेता रहते हुए रावत राम जन्म भूमि आंदोलन में 39 दिनों तक जेल भी गये है। भाजपा से अलग रहते हुए रावत ने अपनी पार्टी भी बनायी लेकिन वह ज्यादा चल नहीं सकी इसके बाद उन्होंने कई दलों का दामन थामा और छोड़ा है। कांग्रेस के साथ रावत की पारी मात्र 16 वर्ष की ही रही।

मात्र 16 वर्षों का सफर रहा कांग्रेस के साथ

पौडी जिले के खिर्सू प्रखंड के गहड़ गांव के मूल निवासी हरक सिंह अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौरान 1988 में पौड़ी से भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। 1889 में हरक सिंह रावत ने कमल के निशान पर पौडी विधानसभा से पहली बार चुना लड़ा लेकिन यह चुनाव वे जीत नहीं पाये। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हालातों के ठीक न होने के चलते यह सरकार ज्यादा नहीं चल सकी। 1991 में फिर से चुनाव हुए। इस समय हरक सिंह रावत राम लहर के चलते विधानसभा का चुनाव रिकार्ड 41 हजार मतों से जीत गये। लेकिन बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले से उपजे विवाद के बाद उत्तर प्रदेश की यह भाजपा सरकार भी अधिक दिन नहीं चल पायी। उत्तर प्रदेश में फिर 1993 में चुनाव हुए। इस चुनाव में भाजपा ने पौडी विधानसभा से हरक सिंह की बजाय मोहन सिंह रावत गांववासी को अपना प्रत्याशी बनाया। गांववासी को टिकट देने से गुस्साये हरक सिंह के बगावती तेवरों को देखते हुए भाजपा हाईकमान को झुकना पड़ा और फिर से हरक सिंह रावत को टिकट दिया गया। लेकिन भाजपा व हरक सिंह के सुर ज्यादा दिन नहीं मिल सके।

सन् 1996 में हरक सिंह ने उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा नाम से एक क्षेत्रीय दल का गठन किया। लेकिन वह मोर्चा भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। इसके बाद रावत ने जनता दल का दामन थामा और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे भाजपा नेता गांववासी से हार गये लेकिन जल्द ही हरक सिंह ने जनता दल छोडकर बसपा का दामन पकड़ा। मायावती का साथ भी हरक सिंह को अधिक समय तक पंसद नहीं आया। इसके बाद पृथक राज्य उत्तराखंड में उन्होंने अपनी शुरूआत कांग्रेस से की। कांग्रेस में वे कई बडे पदों पर भी रहे। यही नहीं वे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष भी रहे। अब एक बार पुनः 18 मई 2016 को वे पूरे 20 सालों बाद भाजपा में शामिल हुये है।

 

 

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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