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5वीं पास मुन्ना बजरंगी 17 साल की उम्र में ही बन गया था दहशत का दूसरा नाम

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मुन्ना बजरंगी

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लखनऊ। यूपी में दहशत का दूसरा नाम बन चुके मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी को एक केस की पेशी के लिए झांसी से बागपत लाया गया था। जेल के अंदर बंद मुन्ना की गोली मारकर हत्या कैसे हुई इस बात को लेकर सभी आश्चर्यचकित हैं।

मुन्ना बजरंगी

आज हम इस कुख्यात गैंगस्टर के बारे में कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। उसका जन्म 1967 में यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था।

मुन्ना के पिता चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर नाम कमाए और अच्छा आदमी बने लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी न हो सकी। मुन्ना ने 5वीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी और जुर्म की दुनिया में धीरे-धीरे कदम बढ़ाने लगा।

मुन्ना बजरंगी फिल्मी दुनिया के गैंगस्टर्स से बहुत प्रभावित था। उसे हथियारों का बड़ा शौक था। यही वजह थी कि 17 साल की नाबालिग उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा।

मुन्ना अपराध की दुनिया में दाखिल तो हो चुका था लेकिन उसे असली पहचान 80 के दशक में मिली। 80 के दशक में मुन्ना बजरंगी को जौनपुर के स्थानीय दबंग माफिया गजराज सिंह का संरक्षण हासिल हो गया था।

साल 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी। इसके बाद उसने गजराज के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना दम दिखाया।

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इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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