Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

लाइफ स्टाइल

मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम होने से भी फायदा

Published

on

मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा, मोटापे से पीड़ित लोग

Loading

मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा, मोटापे से पीड़ित लोग

नई दिल्ली| मोटापे से पीड़ित लोग अगर 5 प्रतिशत भी वजन कम करते हैं तो उन्हें इसका फायदा होता है। उन्हें दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है, उनके पाचन तंत्र में काफी सुधार हो जाता है। वहीं, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा होता है। भारत दुनिया में मोटापे के मामले में तीसरे नम्बर पर आता है और यह दिल के रोगों का प्रमुख कारण है। यह देखते हुए कि भारत के 13 प्रतिशत लोग मोटापे से पीड़ित हैं बड़े स्तर पर दिल के रोगों का खतरा बना हुआ है। भारत के खास कर शहरी युवाओं के बढ़ते वजन की वजह से छोटी उम्र में दिल के रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। मोटापे की वजह से मोम जैसी मैल जिसे प्लॉक कहा जाता है, वह रक्त धमनियों में जमा होनी शुरू हो जाती है, जो रुकावट पैदा करके दिल को ऑक्सीजन और रक्त का संचार रोक देती है। इसी वजह से दिल का दौरा और आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट होता है।

भारत दुनिया में मोटापे के मामले में तीसरे नम्बर पर आता है

मोटापे से पीड़ितों को हाईपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा होता है जो दिल पर और अधिक दबाव डालता है जिससे दिल जल्दी थकने लगता है। इससे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और बुरा बढ़ जाता है। 40 साल से कम उम्र के युवाओं में यह दिल के रोगों का कारण बन रहा है। इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ के के अग्रवाल कहते हैं कि मोटापा टाइप 2 मधुमेह और दिल के रोगों का कारण है। पाचनतंत्र की गड़बड़ियों से लीवर, पैनक्रिआस, मसल, फैट और अन्य ऊतकों पर प्रभाव पड़ता है। जो लोग मोटापे का शिकार हैं उन्हें 5 से 10 प्रतिशत मोटापा कम करने की सलाह दी जाती है। सेंट लुईस के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन में हुई एक अध्ययन में 40 मोटापे से पीड़ित आलसी लोगों में से कुछ को अपना वजन बनाए रखने और कुछ को 5 प्रतिशत, फिर 10 प्रतिशत व 15 प्रतिशत तक वजन कम करने के लिए डाइट करने के लिए कहा गया।

19 लोगों ने साढ़े तीन महीने में पहला लक्ष्य हासिल कर लिया। उनके पेट और लीवर से काफी फैट कम हुआ। उनके ग्लूकोज, इनसूलिन, ट्रिग्लिसेराइडस और लेप्टिन के प्लाजमा में कमी आई। उनके फैट, लीवर और मसल टीशू में इनसूलिन के प्रति प्रतिक्रिया में भी सुधार हुआ। मोटापे के कारण लोगों में सूजन के बढ़ जाती हैं। लेकिन 5 प्रतिशत वजन कम करने वालों में इसके कारकों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। आप अपने कमर के घेरे, कूल्हों और कमर के अनुपात, कद और वजन के अनुपात से मोटापे का पता लगा सकते हैं। इस आखरी माप को बॉडी मास इंडेक्स कहा जाता है। जैसे जैसे यह बढ़ता है दिल के रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी का बीएमआई 22 से ज्यादा है तो उन्हें ओवरवेट माना जाता है। महिलाओं में बीएमआई 21 से ज्यादा हो तो दिल की सेहत पर असर पड़ता है। 30 से ज्यादा वाले व्यक्ति मोटापे के शिकार होते हैं और उनको गंभीर दिल के रोग होने का खतरा होता है। खोज में पता चला है कि मधुमेह के 58 प्रतिशत और इस्केमिक हार्ट डिसीज के 21 प्रतिशत मामले 21 से ज्यादा बीएमआई की वजह से होते हैं।

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

Published

on

By

Death due to heart diseases increasing

Loading

नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

Death due to heart diseases increasing, Death due to heart diseases increasing latest news, Death due to heart diseases increasing news,

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

Continue Reading

Trending