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कश्मीरी लड़कियों से शादी कर पाकिस्तानियों को मिल जा रही है भारतीय नागरिकता? सच जानें यहां……

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नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट काफी वायरल हो रहा है। पोस्ट कश्मीर के अनुच्छेद 370 और 35A  को लेकर है।

पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर की महिला किसी भी बाहरी राज्य के लड़के से शादी करती है तो महिला जम्मू कश्मीर की नागरिक नहीं रहेगी लेकिन अगर वो किसी पाकिस्तान नागरिक से शादी करती है तो शख्स जम्मू कश्मीर का नागरिक बन जाएगा।

फेसबुक पर इस पोस्ट को ‘रोचक तथ्य’ नाम के पेज से पोस्ट किया गया है। इस पोस्ट को अबतक 3700 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।

रोचक तथ्य ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶನಿವಾರ, ಜುಲೈ 6, 2019

आर्टिकल 35A के बारे में जब हमने इंटरनेट और खंगाला तो  Fistpost  का एक न्यूज आर्टिकल मिला। इस आर्टिकल में राज्य के सरकारी वकील इशाक कादरी के हवाले से लिखा गया है कि अक्टूबर 2002 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने स्टेट एंड अदर्स वर्सेस डॉ. सुशीला साहाने एंड अदर्स के केस में फैसला देते हुए राज्य के स्थायी निवासी कानून के उस प्रावधान को रद्द किया था, जिसके अनुसार किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करने के बाद स्थायी निवासी की बेटी का जम्मू-कश्मीर की स्थायी निवासी होने का ओहदा छिन जाता था।

इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी बाहरी व्यक्ति से शादी करने के बाद भी जम्मू-कश्मीर की महिला वहां की स्थायी निवासी ही रहेगी और संपत्ति पर अधिकार सहित सभी अधिकार उसके पास रहेंगे।

हाईकोर्ट के इस आदेश को पीडीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने इस याचिका को वापस ले लिया।

इसके अलावा अगर कश्मीरी लड़की अगर किसी दूसरे राज्य या देश के लड़के से शादी करती है तो पुरूष को कश्मीर की नागरिक्ता नहीं मिलती है।

हमारी पड़ताल में ये पोस्ट पूरी तरह गलत साबित हुई। आज की खबर की टीम आपने पाठकों से अपील करता है कि इस तरह की भ्रामक पोस्ट अगर आपके पास आए तो तथ्यों की सही जानकारी जुटा लें उसके बाद ही उस पोस्ट को शेयर करें।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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