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नेशनल

मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर मुस्लिमों ने किया पथराव? वीडियो की सच्चाई जानें यहां……

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नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों भ्रामक वीडियो की बाढ़ सी आ गई है जो देखते ही देखते वायरल होने लगती है। ऐसा ही एक वीडियो कुछ दिनों से काफी वायरल हो रहा है।

वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है फरीदाबाद के अटाली गांव में कुछ मुस्लिम युवकों ने मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर पथराव किया।

कल शाम को अटाली गांव फरीदाबाद में शांतिप्रिय मुस्लिम लोगो द्वारा मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओ पर पथराव। एक जागरूक महिला ने वीडियो बनाया जो की पूरे हिंदुस्तान में फेल चूका है। किसी न्यूज़ चॅनेल पे ये नहीं दिखाया जाएगा।'

Manish Kumar Gupta ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಭಾನುವಾರ, ಜುಲೈ 7, 2019

आज की खबर की टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि वीडियो में किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है। वीडियो की जांच में हमने पाया कि ये वीडियो चार साल पुराना है साथ ही जांच में हमें ये भी पता चला कि वीडियो में जिसे मंदिर बताया जा रहा है वो दरअसल मंदिर नहीं बल्कि जयपुर के सांगानेर स्थित जामा मस्जिद है।

अगर आपको इस वीडियो की जांच करनी हो तो आप गूगल पर जामा मस्जिद का नाम लिखकर सर्च कर सकते हैं। आपको वीडियो में दिख रही हूबहू इमारत मिल जाएगी जो मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है। हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि वायरल वीडियो फरीदाबाद का नहीं, बल्कि जयपुर का है और यहां मुस्लिम युवकों ने मंदिर पर कोई पथराव नहीं किया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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