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ELECTION RESULT : भाजपा ने 4 सीटें जीतीं

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शिमला | हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 68 में से 36 सीटों पर बढ़त बनाकर सत्ता में आती दिख रही है। भाजपा ने सात सीटों के घोषित परिणामों में से चार सीटें जीत ली हैं। मतगणना जारी है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी (भाकपा) और निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती। भाजपा के इंदर सिंह गांधी ने मंडी जिले के बाल्ह से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रकाश चौधरी को बड़े अंतर से हराकर पार्टी का खाता खोला। पार्टी के इंदर सिंह गांधी ने यह सीट जीती।

इसी तरह भाजपा के रवींद्र धीमन ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यदविंदर गोमा को जयसिंहपुर सीट से हराया। भाजपा के किशोरी लाल ने एनी सीट से कांग्रेस के बंसीलाल को हराया। भाजपा के मौजूदा विधायक सुरेश भारद्वाज ने शिमला सीट से कांग्रेस के हरभजन भज्जी को हराया। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों रवीन्द्र रवि और विप्लव ठाकुर को देहरा से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के मौजूदा विधायक अनिरुद्ध सिंह ने भाजपा के विजय ज्योति सेन को हराकर जीत दर्ज की। दोनों शाही परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। भाकपा के राकेश सिंघा ने ठियोग से भाजपा के अपने निकट प्रतिद्वंद्वी राकेश वर्मा को हराया।

राज्य के विभिन्न मतगणना केंद्रों से आ रहे रुझानों के अनुसार, कांग्रेस 20 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है जबकि भाजपा 40 और अन्य सीटों पर छोटे दल एवं निर्दलीय उम्मीदवार आगे हैं। भाजपा को हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 35 सीटों की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता गणेश दत्त ने आईएएनएस को बताया, “हमने आधा रास्ता पार कर लिया है, जिससे स्पष्ट है कि हम राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं।” हालांकि, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (अर्की) और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह (शिमला ग्रामीण) सीट से अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ऊना सीट से पीछे चल रहे है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल जो पहले दौर में सुजानपुर सीट से पीछे चल रहे थे अब अपने विरोधी कांग्रेस के राजिंदर राणा से आगे निकल गए है। आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (कांग्रेस) और प्रेम कुमार धूमल (भारतीय जनता पार्टी) सहित 337 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। राज्य में हुए चुनाव में कुल 37,83,580 लोगों ने मतदान किया था। इस दौरान मतदान प्रतिशत 75.28 रहा। कांग्रेस और भाजपा ने सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अधिकतर एग्जिट पोल से भाजपा के सत्ता में लौटने के संकेत मिले थे।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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