Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

सावन के चौथे सोमवार पर करें ये उपाय, सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Published

on

Sawan Somwar 2023

Loading

नई दिल्ली। भगवान शिव को समर्पित सावन महीने के प्रत्येक सोमवार पर महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन सोमवार पर विशेष उपाय भी किए जाते हैं। अगर आप भी मनचाही मुराद पाना चाहते हैं, तो ये उपाय करें।

सावन सोमवार के उपाय

-अगर आप मनचाही मुराद पाना चाहते हैं, तो सावन के सोमवार पर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही शिव मंदिर में घी के 11 दीपक जलाएं और अपनी कामना भगवान से करें। इस उपाय को करने से शीघ्र मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

-नवविवाहित दंपत्ति सावन के चौथे सोमवार पर शिवलिंग पर घी अर्पित करें। इसके पश्चात शुद्ध जल या गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। यह उपाय करने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।

-अगर आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है, तो सावन के चौथे सोमवार पर पारद शिवलिंग घर ले आएं। अब विधिवत पारद शिवलिंग की पूजा करें। इसके पश्चात, प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें। इस उपाय को करने से चंद दिनों में धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है।

-कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव से निजात पाने के लिए सावन सोमवार पर तांबे के लोटे में काले तिल मिश्रित गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से शनि की बाधा से मुक्ति मिलती है।

-सावन सोमवार पर विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करें। इसके पश्चात, जथा शक्ति तथा भक्ति भाव से गरीबों को भोजन कराएं। इस उपाय को करने से घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती है।

डिसक्लेमर: उक्त जानकारी के पूर्ण सत्य होने का हमारा दावा नहीं है। संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

 

 

Continue Reading

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending