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नेशनल

नाबालिग लड़कियों के अपहरण की वारदातों पर दिल्ली HC की टिप्पणी- यौन उत्पीड़न से पढ़ाई छोड़ने को हो जाती हैं विवश

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Delhi HC

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नई दिल्ली। राजधानी लड़कियों के साथ शादी की आड़ में यौन उत्पीड़न कर पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें करियर बनाने के अवसर से वंचित किया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी नाबालिग लड़कियों के अपहरण की बढ़ती वारदात से जुड़े मामले में की।न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि इस तरह का कृत्य न केवल एक व्यक्ति साथ बल्कि पूरे समाज के लिए गहरा आघात है।

अदालत ने व्यक्त की चिंता

इसके साथ ही अदालत ने दुष्कर्म और पॉक्सो के तहत दोषी करार दिए गए अपीलकर्ता तस्लीम अली की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने चिंता व्यक्त की कि पूरे प्रकरण में परेशान करने वाला तथ्य यह है कि दोषी अपीलकर्ता ने नाबालिग पीड़िता को पढ़ाई छोड़ने, अपने साथ भागने और शादी करने के लिए राजी किया, जबकि वह शादीशुदा और उसके दो बच्चों का पिता था।

HC ने बरकरार रखा निचली अदालत का फैसला

अदालत ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि नाबालिग को इस अपराध के कारण अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। अपीलकर्ता को दोषी करार दिए जाने के फैसले को बरकरार रखते हुए अदालत ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण से संबंधित चर्चाओं में शिक्षा को एक मौलिक स्तंभ के रूप में मान्यता दी गई है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं एक लड़की को अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर करती हैं।

अदालत ने सुनाई है 10 साल की सजा

अपीलकर्ता मोहम्मद तस्लीम अली को 14 वर्षीय लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के लिए निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता ने बताया था कि नाम बदलकर नकली पहचान के साथ वह और दोषी किराये के मकान में रह रहे थे।पीड़िता ने तस्लीम पर बगैर उसकी सहमति के शारीरिक संबंध बनाने का भी आरोप लगाया था।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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