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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी, मरने वालों की संख्या 2000 के पार पहुंची

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नई दिल्ली। चीन में कोरोनवायरस (कोविड -19) से बुधवार को मरने वालों की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई। वहीं, कन्फर्म मामलों की संख्या 74,185 हो गई है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा कि कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2,004 हो गई है। एनएचसी ने कहा कि कोरोनोवायरस संक्रमण के 1,749 नए मामलों की पुष्टि की हुई है।

नई मौतों में से, सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुबेई प्रांत में 132 और हेइलोंगजियांग, शानदोंग, गुआंगदोंग और गुइझोऊ में एक-एक की मौत हुई है।

1,185 और नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं। मंगलवार को 236 रोगी गंभीर रूप से बीमार हो गए, जबकि 1,824 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने कहा कि 11,977 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और 5,248 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का संदेह है।

बुधवार की सुबह 1,693 नए मामलों और 132 नई मौतों के साथ, हुबेई का कोरोनोवायरस से सबसे अधिक प्रभावित होना जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि 1,824 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ट्रेडोस एडहैनोम गेब्रेइसस ने मंगलवार को ब्रीफिंग के दौरान बताया कि विशेषज्ञ सूचना एकत्र करने और चीन के अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए चीन में हैं। मिशन के हिस्से के रूप में टीम वुहान की यात्रा कर सकती है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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