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अन्तर्राष्ट्रीय

बहरीन में जल्द शुरू होगा हिंदू मंदिर का निर्माण, फरवरी में दान की गई थी भूमि

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मनामा। भारत में पैगंबर मोहम्मद को लेकर हुए विवाद में आपत्ति जताने वाले बहरीन में जल्द ही हिंदू मंदिर का निर्माण शुरू होने वाला है। ऐसे में ऐसा लगता है पैगंबर विवाद का असर भारत और बहरीन के संबंधों पर नहीं पड़ा है।

दरअसल, बहरीन सरकार ने प्रस्तावित हिंदू मंदिर के निर्माण के प्रोजेक्ट से जुड़े प्रतिनिधियों ने मुलाकात करते हुए इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इस मुलाकात में बहरीन में भारतीय राजदूत पीयूष श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

बहरीन के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा ने मंगलवार को स्वामी ब्रह्मविहारीदास और BAPS स्वामीनारायण संस्था के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

इस दौरान बहरीन में बनने वाले स्‍वामीनारायण हिंदू मंदिर के निर्माण को लेकर चर्चा हुई। इसी साल एक फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहरीन यात्रा के दौरान इस मंदिर के निर्माण को लेकर बहरीन ने भूमि को उपहार के रूप में देने की घोषणा की थी।

इसके साथ ही यूएई के बाद बहरीन मध्यपूर्व का दूसरा देश होगा, जहां भव्य हिंदू मंदिर बनेगा। अबू धाबी स्थित हिंदू मंदिर के प्रमुख पूज्य ब्रह्माविहारी स्वामी और स्वामीनारायण संस्था के प्रतिनिधिमंडल ने मनामा में शाही महल में क्राउन पुलिस से मुलाकात की।

बहरीन मध्यपूर्व का दूसरा देश है, जहां बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था पारंपरिक हिंदू मंदिर का निर्माण करेगी। मंदिर निर्माण के लिए बहरीन सरकार ने जमीन दान की है।

क्राउन प्रिंस की ओर से मंदिर निर्माण के लिए जमीन मिलने पर ब्रह्माविहारी स्वामी ने उनका आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक संदेश भी दिया जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक पल का स्वागत किया है।

स्वामी ने कहा कि हम जमीन के रूप में यह ऐतिहासिक उपहार मिलने पर बहरीन के क्राउन प्रिंस और भारत के प्रधानमंत्री के शुक्रगुजार हैं। यह दोनों देशों के बीच गर्मजोशी से भरे संबंधों को दर्शाता है।

बैठक के बाद स्वामी ब्रह्मविहारी ने कहा कि बहरीन में बनने वाला यह मंदिर उन सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करेगा जो भारतीय परंपराओं को जानना और समझना चाहते हैं और विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए जगह रखते हैं।

उन्होंने इस मंदिर के साकार होने को लेकर बहरीन के क्राउन प्रिंस और भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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