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नेशनल

‘PM मोदी ना होते तो राम मंदिर नहीं बन पाता’, कांग्रेस नेता ने की प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ़

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Congress leader pramod krishnam praised the PM

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अयोध्या। पूरे देश में जय श्री राम की गूंज सुनाई दे रही है। 22 जनवरी यानी आज का दिन देशवासियों के लिए किसी दिवाली से कम नहीं है। आज अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री राम का अभिषेक किया जाएगा। इसके साक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ लगभग 7 हजार अतिथि होंगे।

इस महामहोत्सव के बीच कांग्रेस के एक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को अपनी ही पार्टी की आलोचना करते हुए कहा ‘अगर पीएम मोदी नहीं होते तो राम मंदिर कभी हकीकत नहीं होता। कांग्रेस अक्सर ‘मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे’ कहकर बीजेपी पर निशाना साधती रही है।’

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें हिंदू पक्ष के पक्ष में सदियों पुराने राम जन्मभूमि शीर्षक मुकदमे का निपटारा किया गया। कांग्रेस नेता ने राम मंदिर आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों के ‘बलिदान’ को भी स्वीकार किया।

प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा स्वामित्व विवाद को हमेशा के लिए निपटाने के बाद मंदिर का निर्माण किया गया। लंबी लड़ाई और पुरातत्व सर्वेक्षण के निष्कर्षों को प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भगवान राम कल अपनी जन्मभूमि लौटेंगे। अगर पीएम मोदी न होते तो ये मंदिर कभी नहीं बन पाता। इसलिए मैं राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं।

कई सरकारें चुनी गईं और कई प्रधानमंत्री आए और गए लेकिन किसी ने भी राम मंदिर के 500 साल के इंतजार को खत्म करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने भी काफी बलिदान दिया, लेकिन अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो यह मंदिर कभी वास्तविकता नहीं बन पाता।’

11 दिवसीय अनुष्ठान की  प्रशंसा

प्रधानमंत्री मोदी के 11 दिवसीय अनुष्ठान की प्रशंसा करते हुए आचार्य कृष्णम ने कहा, ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर अब तक आज देश ने कई प्रधानमंत्री देखे हैं। लेकिन किसी ने लंबे समय से चली आ रही मांग या इच्छा को पूरा करने के लिए इतना बड़ा प्रयास नहीं किया। मैं इस काम के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करता हूं।’

अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ था, क्योंकि भगवान राम की विशेषता वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर अस्वीकार करना भारतीय संस्कृति का अपमान करने के समान था। सोमवार को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए अयोध्या की अपनी यात्रा का बचाव करते हुए, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह इस कार्यक्रम का निमंत्रण पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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