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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में कॉकरोचों के शर्बत से होता है इलाज, फार्महाउस में होता है कॉकरोच पालन

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अभी तक आपने सुना होगा कि ढेरों बीमारियां कॉकरोचों की वजह से होती हैं। लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि चीन में कॉकरोचों का इस्‍तेमाल करके ऐसी दवाइयां बनती हैं जिनसे तमाम बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है। आप सुनकर हैरान होंगे लेकिन यह बात सच हैा

अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट के मुताबिक, चीन में दवा वयापारियों के लिए कॉकरोच पालन अच्‍छा  व्‍यवसाय बन चुका है। चीन में स्थित एक फॉर्म तो हर साल 600 करोड़ कॉकरोचों को उनके  औष‍धीय इस्‍तेमाल के लिए पालता है। चीन के दक्षिण पश्चिमी शहर शीचैंग में गुडडॉक्‍टर नामकी दवा कंपनी इस फार्म का संचालन करती है।

चीन में स्थित एक फॉर्म तो हर साल 600 करोड़ कॉकरोचों को उनके  औष‍धीय इस्‍तेमाल के लिए पालता है।

यह फार्म दो खेल के मैदानों के बराबर है। इसमें पूरी तरह अंधेरा रहता है, यहां खाना और पानी खुले में रखे रहते हैं। कॉकरोचों के रहने के लिए अलमारियों की तरह संरचनाएं हैं। यहां का वातावरण हमेशा गर्म, उमस भरा और अंधेरा रहता है। कंप्‍यूटरों के जरिए इन कॉकरोचों की देखभाल की जाती है।

जैसे ही ये कॉकरोच व्‍यस्‍क होते हैं इन्‍हें कुचलकर इनका शर्बत जैसा घोल बनाया जाता है। 100 मिली लीटर घोल की कीमत दवा बाजार में लगभग 4 डॉलर या 270 रुपये है। 2013 में चीन में लगभग 100 विशाल कॉकरोच फार्महाउस थे।

कॉकरोचों से बनने वाली इस दावा का इस्‍तेमाल सांस की समस्‍याओं, पेट की तकलीफों और दूसरी बीमारियों के लिए किया जाता है। डॉक्‍टर बाकायदा अपने पर्चे में इसे दवा के तौर पर लिखते हैं। चीन में बहुत बड़ी जनसंख्‍या बुजुर्ग है, इतने लोगों के इलाज के लिए एक सर्वजन सुलभ दवा प्रणाली की खोज के दौरान ही अनोखी कॉकरोच चिकित्‍सा सामने आई।

हालांकि, कुछ लोग इस अनोखे प्रयोग से खुश नहीं हैं। इनका कहना है कि किसी दुर्घटना  या दूसरे कारण से अगर ये करोड़ों कॉकरोच आजाद हो गए तो आस-पास इलाके में तबाही आ जाएगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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