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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने रक्षा बजट 7.6 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की

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चीन ने रक्षा बजट 7.6 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की

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चीन ने रक्षा बजट 7.6 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की

बीजिंग। चीन ने शनिवार को रक्षा बजट में 7.6 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। यह पिछले छह साल में रक्षा बजट में सबसे कम वृद्धि है। चीन ने आर्थिक गतिरोधों और पिछले साल सेवारत लोगों की संख्या में भारी गिरावट के बीच रक्षा बजट में इस वृद्धि की घोषणा की है।

चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र में पेश बजट रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की योजना 2016 का रक्षा बजट 7.6 प्रतिशत बढ़ाकर 954 अरब युआन (लगभग 146 अरब डॉलर) करने की है।

पिछले साल रक्षा बजट में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

चीन इस बढ़ोतरी के बाद रक्षा पर सर्वाधिक खर्च करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

चीन के सैन्य खर्च में 2011 से 2015 के दौरान दोहरे अंकों में बढ़ोतरी की गई है। देश में 2010 में रक्षा बजट 7.5 प्रतिशत बढ़ा था।

मुख्य शोधकर्ता जनरल चेन झू ने चीन की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था पर समाचार एजेंसी सिन्हुआ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “रक्षा बजट में दोहरे अंकों की वृद्धि के बाद 10 प्रतिशत से कम की बढ़ोतरी करना एक विवेकपूर्ण कदम है।”

सरकार ने इस साल के विकास दर का लक्ष्य 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत के दायरे में रखा है, जबकि पिछले साल यह लगभग सात प्रतिशत था।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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