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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तरी कोरिया नहीं, चीन में बैठा है दुनिया का सबसे बड़ा सनकी, इस फैसले से तो यही साबित होता है

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नई दिल्ली। पूरी दुनिया में जब लोग तानाशाही की बात करते हैं तो सबकी नज़रें नॉर्थ कोरिया और किम जोंग पर जाकर रुक जाती हैं। लेकिन नॉर्थ कोरिया का पड़ोसी देश चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब तानाशाही और सनक के मामले में किम को पीछे छोड़ने की तैयारियों में हैं। हम ऐसा इसलिए कह पा रहें हैं क्योंकि जिनपिंग के इशारे पर अब चीन के बच्चों का ब्रेनवॉश कर, उनके दिमाग में जिनपिंग के विचारों को डाला जाएगा।

चीनी विश्वविद्याल के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विचारों को शामिल किए जा रहें है। देश में माओ युग के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी नेता को अकादमिक रूप से इतना महत्व मिल रहा है। यह चीनी विश्वविद्यालय इंटरैक्टिव ऑनलाइन कोर्स, उदार फंडिंग और शोध संस्थानों से लेस है। अपने पुराने पाठ्यक्रमों में जिनपिंग के विचारों को शामिल कर यह उन्हें देश और विश्व में बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। बीते साल अक्तूबर से इन्होंने “शी थॉट” और “शी के विचार” को अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया है। जिनपिंग के दो साल के कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म किए जाने के बाद अब वह आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं।

पिछले साल अक्तूबर से लेकर अब तक विश्वविद्यालयों, सरकार और मंत्रालयों में तकरीबन 30 शी थॉट रिसर्च इंस्टाट्यूट की स्थापना हो चुकी है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर निवासी के दिमाग में जिनपिंग की विचारधारा को स्थापित करना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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