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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन, अमेरिका परमाणु सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को प्रतिबद्ध

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चीन, अमेरिका परमाणु सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को प्रतिबद्ध

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चीन, अमेरिका परमाणु सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को प्रतिबद्ध

वाशिंगटन। चीन और अमेरिका ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता दोहराते हुए परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) से अलग सहयोग जारी रखने को वचनबद्धता जाहिर की है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को यहां चौथे एनएसएस से अलग मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने परमाणु आतंकवाद के खतरे को कम कर शांतिपूर्ण और स्थाई अंतर्राष्ट्रीय वातावरण के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई। इसके लिए साझा लाभ और सभी की सुरक्षा हेतु अधिक समावेशी, समन्वित, स्थाई और तीव्र वैश्विक परमाणु सुरक्षा की जरूरत पर बल देने की बात हुई।

संयुक्त बयान के मुताबिक, “हमारी वार्षिक आधार पर संवाद जारी रखने की योजना है, ताकि परमाणु आतंकवाद को रोकने और परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अपना सहयोग जारी रखेंगे।”

दोनों पक्षों के बीच मिनिएचर न्यूट्रॉन सोर्स रिएक्टर्स (एमएनएसआर) को उच्च संवर्धित यूरेनियम ईंधन से निम्न संवर्धित यूरेनियम ईंधन में तब्दील करने पर सहमति बनी।

संयुक्त बयान के मुताबिक, चीन विभिन्न देशों के आग्रह के बाद अपने बाकी बचे सभी स्वदेशी एनएनएसआर को रूपांतरित करने के लिए तैयार है।

चीन और अमेरिका ने रेडियोधर्मी तत्वों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के बीच लाभप्रद सहयोग पर संतुष्टि जाहिर की।

गौरतलब है कि ओबामा ने वर्ष 2010 में एनएसएस की शुरुआत की थी। इसका आयोजन प्रतिवर्ष दो बार किया जाता है, जिसमें परमाणु आतंकवाद के खतरे पर चर्चा और इसके समाधान पर विभिन्न देश विचार-विमर्श करते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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