Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

पंजाब

चंडीगढ़ मेयर चुनाव: मनोज सोनकर फिलहाल बने रहेंगे मेयर, HC ने प्रशासन से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

Published

on

Chandigarh Mayor Election

Loading

चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिलहाल किसी भी तत्काल राहत से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मेयर पद के दावेदार कुलदीप कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बुधवार को याचिका पर सुनवाई आरंभ होते ही याची पक्ष की तरफ से कहा गया कि चुनाव में जिस तरह से पीठासीन अधिकारी ने वोटों की गिनती के समय धांधली की है उसे पूरे देश ने देखा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। याची पक्ष ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए हाईकोर्ट से दखल देने की अपील की।

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस मामले में पक्ष रखने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी गई। हाईकोर्ट ने प्रशासन को तीन सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई टाल दी।

याची पक्ष की ओर से अपील की गई कि याचिका लंबित रहते मनोज सोनकर के मेयर के तौर पर कार्य करने पर रोक लगाई जाए लेकिन हाई कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन का जवाब आने के बाद ही किसी अंतरिम राहत पर आदेश जारी किया जाएगा।

प्रशासन की ओर से दलील दी गई कि यह याचिका वैध ही नहीं है क्योंकि याची के पास फिलहाल अन्य विकल्प उपलब्ध है। चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में बताया गया था कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे। तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को चुनाव भी हुआ, लेकिन मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट अवैध करार दे दिए गए, जिसके चलते भाजपा का उम्मीदवार मेयर चुन लिया गया।

याचिका में आरोप लगाया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए।

कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इन्कार कर बुधवार सुबह सुनवाई करना तय किया है।

याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव करवाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी बावजूद इसके चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों के साथ छेड़छाड़ हुई। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली भरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए।

चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में करवाया जाए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे। चुनावी प्रक्रिया के दौरान जो धांधली हुई है इसकी जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाए और चुनाव से जुड़ा पूरा रिकार्ड सील किया जाए।

पंजाब

पटियाला: ऑनलाइन ऑर्डर किया केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत, घरवालों की मुश्किल से बची जान

Published

on

Loading

चंडीगढ़। पटियाला में 10 वर्षीय लड़की की ऑनलाइन आर्डर किया बर्थडे केक खाने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को कहा कि लड़की के परिवार के सदस्यों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 273 और 304-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि जन्मदिन का केक खाने के बाद लड़की की मौत हो गई। केक खा कर परिवार के अन्य सदस्य भी बीमार पड़ गए।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “मौत का सही कारण जानने के लिए हम विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।” बेकरी के मालिक के खिलाफ ‘लापरवाही से मौत का कारण बनने और विषाक्त भोजन सप्लाई करने’ के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। लड़की के जन्मदिन समारोह के लिए 24 मार्च को केक ऑनलाइन ऑर्डर किया गया था। परिवार के सदस्यों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें प्रारंभिक उपचार मिला, लेकिन 10 वर्षीय लड़की को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेकरी का नाम और स्थान अज्ञात है, लेकिन पीड़ित परिवार ने इसके संचालन और उत्पादों की गुणवत्ता की गहन जांच की मांग की है। मृतका के दादा ने मीडिया को बताया कि परिवार ने 24 मार्च को शाम करीब छह बजे ऑनलाइन केक ऑर्डर किया था।

उन्होंने कहा, “रात करीब 11 बजे पूरा परिवार बीमार पड़ गया। दो छोटी बेटियों को उल्टियां होने लगीं। उस वक्त घर पर पांच लोग थे। सबसे छोटी बेटी की जान बच गई क्योंकि उसने केक उल्टी कर दी थी, लेकिन हमने दूसरी लड़की को खो दिया।” केक लड़की की मां काजल ने ऑर्डर किया था। बिल की कॉपी में पटियाला में पंजीकृत ‘केक कान्हा’ के जिस पते का उल्लेख है वहां इस नाम की कोई दुकान नहीं है।

Continue Reading

Trending