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नेशनल

BHU के चीफ प्रॉक्टर ओएन सिंह ने दिया इस्तीफा, कमिश्नर की रिपोर्ट ने खोली पोल

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बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार रात को छात्राओं के साथ हुई छेड़खानी के मामले में बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ओंकारनाथ सिंह ने मंगलवार देर रात इस्तीफा दे दिया। कुलपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है।

इस बीच कुलपति ने इस बात से साफ तौर से इंकार किया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने बीएचयू मामले को लेकर उन्हें तलब किया था।

बीएचयू परिसर में भड़की हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चीफ प्रॉक्टर प्रो़ ओएन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ़ राजेश सिंह ने बताया कि मंगलवार की देर रात कुलपति प्रो़ गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

इधर, कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मंगलवार को वह दिल्ली में बीएचयू कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने गए थे और सीधे बनारस लौट आए। लेकिन कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी कि मंत्रालय ने उन्हें तलब किया था।

कुलपति ने कहा, एमएचआरडी मंत्रालय से रोजाना किसी ने किसी मुद्दे पर बात होती है। आज भी मैंने एमएचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से फोन पर बात की और बीएचयू में हुई घटना की पूरी जानकारी दी। यह भी बताया कि न्यायिक आयोग पूरे प्रकरण की जांच करेगा।

प्रो़ त्रिपाठी ने कहा कि मंत्री ने उन्हें घटना के बाद उपजे हालातों से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जिस पर अमल किया जा रहा है।

कुलपति ने कहा कि जो न्यायिक कमेटी गठित की गई है, उसकी जांच में सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।

बता दें कि, 23-24 सितंबर की रात बीएचयू में छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन बाहरी ताकतों पर इल्जाम लगा रहा था। लेकिन वाराणसी कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण की रिपोर्ट ने यूनिवर्सिटी के उन दावों की पोल खोल दी। जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन को दोषी ठहरा रहा था।

कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक छात्राओं की मांगें जायज थीं। कोई प्रशासनिक अधिकारी अगर मौके पर पहुंचता तो हिंसा नहीं होती। रिपोर्ट में लाठीचार्ज के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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