अन्तर्राष्ट्रीय
बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता व दो संगठनों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
ओस्लो। इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार जेल में बंद बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी समूह ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के संगठन ‘सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज’ को देने का ऐलान किया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को नार्वे नोबेल कमेटी के प्रमुख बेरिट रीज एंडर्सन ने ओस्लो में की।
पिछले साल यह पुरस्कार दो पत्रकारों, रूस के दिमित्री मुरातोव और फिलीपीन्स के मारिया रेसा को दिया गया था। तब उन्हें यह पुरस्कार लोकतंत्र और शांति की अहम जरूरत, फ्रीडम ऑफ स्पीच की हिफाजत के लिए दिया गया था।
सोमवार से शुरू हुई है नोबल पुरस्कारों की घोषणा
निएंडरथल डीएनए के रहस्यों को उजागर करने वाले वैज्ञानिक को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने के साथ सोमवार को नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का सप्ताह शुरू हुआ था। तीन वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से मंगलवार को भौतिकी में इस खोज के लिए यह पुरस्कार जीता कि छोटे कण अलग होने पर भी एक दूसरे के साथ संबंध बनाए रख सकते हैं।
केमिस्ट्री में इस साल का नोबेल पुरस्कार कैरोलिन आर बर्टोज्जी, मोर्टन मेल्डल और के बैरी शार्पलेस को समान भागों में ‘अणुओं के एक साथ विखंडन’ का तरीका विकसित करने के लिए बुधवार को दिया गया था।
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल का ऐलान 10 को
वहीं गुरुवार को स्वीडिश अकादमी ने इस साल साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी लेखिका एनी एरनॉक्स को ‘साहस और लाक्षणिक तीक्ष्णता के साथ व्यक्तिगत स्मृति के अंतस, व्यवस्थाओं और सामूहिक बाधाओं को उजागर करने’ वाली उनकी लेखनी के लिए देने का ऐलान किया। अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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