Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

जलवायु परिवर्तन से निपटने को अरबों रुपये के निवेश पर जोर

Published

on

Loading

bankimoon

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने बुधवार को बताया कि वैश्विक तापमान को स्वीकार्य स्तरों पर बनाए रखने के लिए स्वच्छ ऊर्जा में एक खरब डॉलर के निवेश की जरूरत है।

बान की-मून ने जलवायु जोखिम पर निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पेरिस जलवायु समझौते से सबक लेने के लिए निवेशकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “वैश्विक तापमान को दो डिग्री से नीचे रखकर और 1.5 डिग्री बनाए रखकर हमें जीवाश्म ईंधन का तुरंत उपयोग करना चाहिए।”

उनके मुताबिक, पिछले साल स्वच्छ ऊर्जा में लगभग 33 करोड़ डॉलर निवेश किया गया था, जो 2004 की तुलना में छह गुना अधिक है। उन्होंने कहा, “यह अच्छा हिसाब-किताब है लेकिन आने वाले दशकों में सालाना तौर पर अरबों रुपये से कम है।”

बान ने अपने भाषण में कई अन्य सुझाव भी दिए, जिसमें विकासशील देशों के लिए राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंध करना शामिल है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending