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शर्मनाक : नहीं मिला शव वाहन तो कंधे पर ढोनी पड़ी पत्नी की लाश

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दाना मांझी का नाम याद है आपको? ओडिशा के कालाहांडी ज़िले के भवानीपटना का रहने वाला वह शख्स जिसने अपनी पत्नी की लाश को अपने कंधे पर लाद कर 12 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा था। जिसके बाद पिछले वर्ष ऐसी ही एक और घटना बीहार की राजधानी पटना से सामने आई थी। इसमे एक पिता को अपनी बेटी के शव को कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा था। अब ऐसी ही एक और सामने आई है उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से, जहां पर पति को अपनी पत्नी की लाश को अपने कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल द्वारा उसे शव वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया।

हम कितना भी विकास का दावा कर लें, कितना भी कहें कि देश बदल रहा है, लेकिन जब इस तरह की घटनाएं हमारे सामने आती हैं असल में तब पता चलता है कि हमारे देश की हालत कैसी है।

बदायूं में शव वाहन न मिलने के कारण एक पति को अपनी पत्‍नी की लाश को कंधे पर ढोना पड़ा। क्योंकि मांगने के बाद भी उसे अस्‍पताल से न तो एंबुलेंस मुहैया कराई और ना ही शव वाहन। बेहद गरीब यह शख्‍स अपनी पत्‍नी के शव को कंधे पर ढोकर उसे पास के टेंपों स्‍टैंड तक ले गया। वहां उसने लोगों से चंदा इकट्ठा किया। इसके बाद शव को ऑटो से घर ले गया।

इस मामले में सीएमओ का कहना है कि अस्‍पताल में दो शव वाहन हैं। जरूरतमंदों को ये उपलब्‍ध कराए जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि वह मामले की जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह मामला बेहद संवेदनशील और अमानवीय कृत्‍य से जुड़ा हुआ है। मामले की जांच कर अस्पताल प्रभारी को नोटिस जारी किया जाएगा।

यह घटना सोमवार (7 मई) दोपहर की है। थाना मूसाझाग क्षेत्र के रहने वाले सादिक ने अपनी बीमार पत्नी मुनीशा को सोमवार को ही सुबह जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया था। दोपहर में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मौत के बाद गरीब सादिक ने लोगों से एक प्रार्थना पत्र अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक के नाम लिखवाया। उसमें उसने पत्‍नी का शव घर ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की। लेकिन सादिक को शव वाहन नहीं मुहैया कराया गया। आरोप है कि उस समय जिला अस्पताल में शव वाहन उपलब्‍ध था। जिसके बाद सादिक को मजबूरन अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रख कर ले जाना पड़ा।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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