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पठानकोट में आतंकवादी हमला, चार आतंकवादी मारे गए

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पाकिस्तान, पठानकोट आतंकवादी हमले की निंदा, 'रेडियो पाकिस्तान' की एक रिपोर्ट

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पठानकोट (पंजाब)| पंजाब के पठानकोट जिले में शनिवार तड़के भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों की ओर से की गई कार्रवाई में चार आतंकवादी मारे गए। गोलीबारी खत्म हो गई है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है। यह हमला तड़के लगभग 3.30 बजे हुआ, जिसमें आईएएफ के दो सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई, जबकि चार अन्य घायल हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और वायुसेना प्रमुख मार्शल अरुप राहा तथा अन्य अधिकारियों के संपर्क में है। पर्रिकर इस समय गोवा में हैं लेकिन वह जल्द ही दिल्ली पहुंचेंगे। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी नई दिल्ली से इस घटना पर नजर बनाए रखे हुए हैं।

आईएएफ का अड्डा चंडीगढ़ से लगभग 250 किलोमीटर दूर और पाकिस्तान की सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया है और सेना को बुला लिया गया है। आतंकवादियों की संख्या चार से छह बताई जा रही है, जो भारतीय सेना की वर्दी में आए थे। सैन्य अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी खत्म हो गई है लेकिन क्षेत्र की तलाशी ली जा रही है। मारे गए आतंकवादियों की सटीक संख्या का पता अभियान समाप्त होने के बाद ही चल पाएगा। अधिकारी ने बताया, “हालांकि गोलीबारी खत्म हो गई है, लेकिन पूरे क्षेत्र की तलाशी जारी है। एक आतंकवादी के छिपे होने और एक अलग इलाके में इंतजार करने की आशंका हमेशा रहती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र की तलाशी ली जा रही है।” पंजाब पुलिस अधिकारी ने बताया, “आतंकवादी आईएएफ अड्डे के एक ही क्षेत्र में थे। वे तकनीकी क्षेत्र तक नहीं पहुंच सके, जहां आईएएफ विमान और अन्य हथियार और उपकरण थे।”

ऐसी खुफिया खबरें थीं कि आतंकवादी नए साल के आसपास क्षेत्र में रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले कर सकते हैं। सेना प्रवक्ता ने बताया, “राष्ट्रीय सुरक्षा बल (एनएसजी) की टीम आतकंवादियों की साजिशों को विफल करने के लिए मिलकर काम कर रही है। सेना के स्थानीय ब्रिगेड कमांडर अभियानों का समन्वय कर रहे हैं। सेना और आईएएफ के मानवरहित हवाई वाहनों को भी मुस्तैद किया गया है।” मिग-29 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर रखे जाने वाला तकनीकी क्षेत्र सुरक्षित हैं। सुरक्षबलों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। आईएएफ के हेलीकॉप्टर सुरक्षाबलों के साथ मिलकर तलाशी अभियानों में लगे हुए हैं।

सुरक्षाबलों ने पठानकोट-जम्मू राजमार्ग को भी हाई अलर्ट पर रखा है। आईएएफ स्टेशन के आसपास के पूरे इलाके को बंद कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में हाई अलर्ट है और अच्छी तरह से जांच-पड़ताल के बाद ही वाहनों को पड़ोसी राज्य पजाब से यहां प्रवेश करने दिया जा रहा है।” रक्षा सूत्रों का कहना है कि राजमार्ग पर सेना की तैनाती की गई है, ताकि कोई भी आतंकवादी जम्मू एवं कश्मीर में घुस न सके। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि भारत किसी भी तरह के आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका ‘करारा जवाब’ देगा। राजनाथ ने कहा कि भारत, पाकिस्तान सहित सभी देशों के साथ अच्छे और दोस्ताना संबंध चाहता है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन भारत पर हुए किसी भी आतंकवादी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा।”

नेशनल

छत्‍तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर

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नई दिल्ली। नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में सात नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। इनमें दो महिला नक्सली भी शामिल हैं। गोली लगन से कई अन्य घायल हो गए हैं। सभी सुरक्षाकर्मी सुरक्षित हैं। नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ के टेकामेटा इलाके में नक्सलियों के बड़े कैडर को घेर लिया है और मुठभेड़ जारी है। मंगलवार सुबह से ही दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी चल रही है।

नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। हालांकि एसपी प्रभात कुमार ने मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी नहीं बताई है। उन्होंने कहा की मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद ही सही स्थिति का जानकारी लग पाएगी। फिलहाल सुरक्षाकर्मियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र बॉर्डर के टेकामेटा इलाके में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर सोमवार की देर रात जवानों को सर्च ऑपरेशन के लिए निकल गया था। जवान मंगलवार की सुबह जब इस इलाके में पहुंचे तो यहां नक्सलियों ने उन्हें देखते ही फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। सूत्रों के मताबिक यहां पर नक्सलियों के बड़े कैडर्स मौजूद हैं।

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