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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केजरीवाल ने एलजी को लिखी चिट्ठी, मिला हैरान कर देने वाला जवाब

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पूरी तरह लागू करवाने की अपील की।

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उन्होंने कहा कि इस आदेश में तीन मामलों को छोड़कर बाकी सभी में दिल्ली सरकार की वरीयता स्थापित की गई है। बैजल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मामला शीर्ष अदालत की एक नियमित पीठ के समक्ष लंबित है, इसलिए समय से पहले निष्कर्ष नहीं निकालें।

केजरीवाल ने बैजल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चयनात्मक रूप से स्वीकार किए जाने पर सवाल पूछा और किसी भी भ्रम की स्थिति में उन्हें तत्काल सर्वोच्च न्यायालय जाने की सलाह दी।

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केजरीवाल ने 9 जुलाई को लिखे पत्र में कहा, मैं आपको फिर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पूर्णत: लागू करवाने का आग्रह करता हूं। गृह मंत्रालय के पास सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की व्याख्या करने का अधिकार नहीं है। अगर आपको कोई भी भ्रम है, आप स्पष्टीकरण के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करें और कृपया न्यायालय के फैसले का उल्लंघन न करें।

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केजरीवाल ने यह भी लिखा कि उप राज्यपाल फाइल और आदेश के एक भाग को मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन उस भाग को लागू नहीं कर रहे हैं जिसमें कहा गया है, ‘केंद्र सरकार की कार्यकारी शक्तियां केवल तीन विषयों तक ही सीमित हैं।’

उन्होंने लिखा, आप फैसले को अपनी पसंद-नापसंद के हिसाब से स्वीकार कैसे कर सकते हैं? या तो आप एक पक्ष लें कि सभी मामले अब एक नियमित खंडपीठ के समक्ष रखे जाएंगे और इसलिए आप आदेश के किसी भी भाग को लागू नहीं करेंगे या नहीं तो आपको पूरे आदेश को स्वीकार करना चाहिए और लागू करना चाहिए। आप यह कैसे कह सकते हैं कि आप आदेश के इस खास भाग को स्वीकार करेंगे और किसी अन्य भाग को स्वीकार नहीं करेंगे।

बैजल ने इसके जवाब में एक बयान जारी कर कहा, जब याचिका नियमित पीठ के पास अभी भी लंबित है, तो इस संबंध में पहले ही निष्कर्ष निकाल लेना जल्दबाजी होगी।

उन्होंने कहा, पूरे फैसले और इसके कार्यान्वयन का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है। इस पर ध्यान दिया जा सकता है कि अंतिम पैरा में, अदालत ने संदर्भ का जवाब देते हुए इस मामले को उचित नियमित पीठ को भेजने के आदेश दिए थे।

इसलिए, यह मामला तब पूरी तरह स्पष्ट होगा, जब नियमित पीठ में लंबित सुनवाई पूरी हो जाएगी। बैजल ने यह भी कहा कि केजरीवाल का पत्र यहां पहुंचने से पहले ही सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित हो चुका था।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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