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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका यूक्रेन को देगा उन्नत रॉकेट सिस्टम, भेद सकेगा 70 किलोमीटर दूर का लक्ष्य

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कीव। यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में रूस का हमला लगातार जारी है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की है कि अमेरिका यूक्रेन की मदद करने के लिए और अधिक उन्नत रॉकेट सिस्टम भेजगा।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि यूक्रेन इस तरह के रॉकेट सिस्टम की मांग बहुत दिनों से कर रहा था। ये हथियार दुश्मन सेना को लंबी दूरी से अधिक सटीक रूप से हमला करने में मदद करने के लिए हैं।

अमेरिका ने पहले हथियार देने से किया था मना

अमेरिका ने अब तक इस डर से अपील को अस्वीकार कर दिया था क्योंकि यूक्रेन रूस में रूसी ठिकानों पर हमले कर सकता था। अब बाइडेन ने कहा है कि घातक सहायता रूस के खिलाफ कीव की बातचीत की स्थिति को मजबूत करेगी और एक राजनयिक समाधान की अधिक संभावना होगी।

बाइडेन ने आगे कहा है कि मैंने फैसला किया है कि हम यूक्रेन को और अधिक उन्नत रॉकेट सिस्टम और युद्ध सामग्री प्रदान करेंगे जो उन्हें यूक्रेन में युद्ध के मैदान पर महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर अधिक सटीक रूप से हमला करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने साफ कहा है कि हम यूक्रेन रॉकेट सिस्टम नहीं भेजने जा रहे हैं जो रूस में हमला कर सकते हैं।

रूसी हथियारों की तुलना में अधिक सटीक?

वाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि नए हथियारों में M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) शामिल होगा। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि उनमें से कितने की आपूर्ति की जाएगी।

यह सिस्टम 70 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर कई सटीक-निर्देशित मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है। इन हथियारों को रूसी समकक्षों की तुलना में अधिक सटीक माना जाता है।

यूक्रेन के सेना प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि रूसी मिसाइल हमलों का मुकाबला करने में HIMARS महत्वपूर्ण साबित होगा। अमेरिका को उम्मीद है कि यूक्रेन पूर्वी डोनबास क्षेत्र में हथियारों को तैनात करेगा, जहां लड़ाई सबसे तेज है और जहां उनका इस्तेमाल रूसी तोपखाने इकाइयों और यूक्रेनी शहरों को टारगेट करने वाले बलों पर हमला करने के लिए किया जा सकता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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