मनोरंजन
अकेलेपन का चरित्र है ‘अलीगढ़’ : हंसल
नई दिल्ली| मुद्दा आधारित फिल्में बनाने के लिए मशहूर निर्देशक हंसल मेहता की शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘अलीगढ़’ एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसके बारे में उनका कहना है कि इसमें अकेलेपन का चित्रण है। इस फिल्म में अभिनेता मनोज वायपेयी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस का किरदार निभाया है, जिन्हें समलैंगिक रुझान के कारण नौकरी से निलंबित कर दिया जाता है।
हंसल ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, “हमने इस फिल्म को सादगी से बनाया है। फिल्म में हर चीज को सादगी से दिखाया गया है। सच्चाई यह है कि फिल्म अकेलेपन का चित्रण है। समाज की आक्रामक प्रवृत्तियों की वजह से उस व्यक्ति पर अकेलापन थोप दिया जाता है, क्योंकि समाज उसकी निजता में दखल देता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म ‘अलीगढ़’ का अब तक का सफर शानदार रहा। उन्होंने कहा, “फिल्म का अब तक का सफर शानदार रहा। लोगों ने इसे सराहा है। लोगों ने इसके चरित्र और इसके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है। मुझे उम्मीद है कि जब लोग फिल्म देखने आएंगे, तो वे अपने पूर्वाग्रहों की समीक्ष भी स्वयं ही करेंगे।”
इस सप्ताह फिल्म के कलाकारों ने फिल्म का नए तरीके से प्रचार किया। मुंबई की गलियों में मनोज और राजकुमार राव ने हाथ में फिल्म का पोस्टर लेकर लोगों से गंदगी न फैलाने की अपील की।इस बारे में हंसल ने कहा, “हमने ऐसा सामान्य नागरिक सभ्यता के तहत किया। हमने फिल्म के प्रचार में अपनी नागरिक जिम्मेदारी को भी शामिल किया।” ‘अलीगढ़’ के बाद अब हंसल अपनी अगली फिल्म ‘सिमरन’ के लिए काम करने जा रहे हैं, जिसमें अभिनेत्री कंगना रनौत हैं।
प्रादेशिक
सलमान खान फायरिंग मामले में पांचवां आरोपी गिरफ्तार, शूटर्स को पैसे और घर के बाहर रेकी में की थी मदद
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में पांचवा आरोपी मोहम्मद रफीक चौधरी पंजाब से गिरफ्तार हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, चौधरी ने दोनों शूटर सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे और सलमान खान के घर की रेकी करने में मदद की थी। मोहम्मद चौधरी को आज आज यानी मंगलवार को मुंबई लाया जा रहा है, जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और हिरासत की मांग की जाएगी।
इससे पहले सलमान के घर के बाहर फायरिंग मामले में एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थे। मरने वाले का नाम अनुज थापन है। अनुज थापन पर फायरिंग केस में हथियार मुहैया करवाने का आरोप था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी अनुज थापन ने कस्टडी में मिलने वाली चद्दर से ही अपनी जान लेने का प्लान बनाया। उसने बाथरूम में चद्दर से फंदा लगाकर अपनी जान ले ली। जैसे ही वहां मौजूद लोगों को इस बात की भनक पड़ी उसे तुरंत पास ही के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। लेकिन GT अस्पताल में पहले उनकी हालत गंभीर बताई गई और फिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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