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बिजनेस

एयरटेल में महंगे किए प्लांस, अब रिचार्ज के देने होंगे ज्यादा पैसे

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नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने प्रीपेड टैरिफ में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। कंपनी के अनुसार, नए टैरिफ प्लान 26 नवंबर, 2021 से लागू होंगे।

दूरसंचार ऑपरेटर ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, भारती एयरटेल ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि मोबाइल प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 200 रुपये और आखिरकार 300 रुपये होना चाहिए, ताकि पूंजी पर उचित प्रतिफल मिल सके, जो वित्तीय रूप से स्वस्थ व्यापार मॉडल की अनुमति देता है।

कंपनी ने आगे कहा, हम यह भी मानते हैं कि एआरपीयू के इस स्तर से नेटवर्क और स्पेक्ट्रम में जरूरी पर्याप्त निवेश किया जा सकेगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे एयरटेल को भारत में 5जी लागू करने के लिए मदद मिलेगी। नियामक फाइलिंग में कहा गया है कि यह संशोधन टैरिफ के उनके पुर्नसतुलन का हिस्सा है।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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