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आरोप बेतुका, निर्वासित जीवन को मजबूर : माल्या

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आरोप बेतुका, निर्वासित जीवन को मजबूर : माल्या

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आरोप बेतुका, निर्वासित जीवन को मजबूर : माल्या

लंदन| कर्ज नहीं चुकाने के मामले में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने ऊपर लगे आरोप को बेतुका बताया और कहा कि वह निर्वासित जीवन के लिए मजबूर हैं और अपने देश लौटना चाहते हैं। माल्या ने समाचार पत्र फायनेंशियल टाइम्स को दिए गए साक्षात्कार में कहा, “मैं किंगफिशर एयरलाइंस के पैसे की हेराफेरी करने और संपत्ति खरीदने के लगाए जा रहे बेतुके आरोप में बिल्कुल भी दोषी नहीं हूं। मैं निर्वासित जीवन के लिए मजबूर कर दिया गया हूं और कर्ज का वाजिब तरीके से निपटारा करना चाहता हूं।”

उन्होंने 9,000 करोड़ रुपये का बैंको का कर्ज जानबूझ कर वापस नहीं करने के आरोप पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका पासपोर्ट रद्द करने और उन्हें गिरफ्तार करने से बैंक उनसे एक भी पैसा नहीं ले पाएंगे।

उन्होंने कहा, “मैं निश्चित रूप से भारत लौटना चाहूंगा। अभी मेरे प्रति रुख काफी आक्रामक है। मेरा पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। मुझे नहीं पता कि सरकार अगला कदम क्या उठाएगी। मैंने हमेशा कहा है कि मैं किंगफिशर को ऋण देने वाले बैंकों से मिलकर निपटारा करूंगा।”

उन्होंने कहा, “कानूनी प्रक्रियाओं के बाद भी मैं निपटारा की पेशकश पर कायम हूं। ऋण वापसी न्यायाधिकरण के सामने करीब 50 करोड़ पाउंड के लिए याचिका दाखिल की गई है। शेष ब्याज राशि है। मुझे अभी तक यह समझ में नहीं आया है कि 9,000 करोड़ रुपये की राशि कहां से आई।”

उन्होंने कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है और यदि कोई जांच की जाती है, तो उस पर सही स्थिति पता चल जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि सरकार किंगफिशर एयरलाइंस के खातों की जांच करेगी, तो उसे कुछ भी नहीं मिलेगा, क्योंकि यही सच है।”

माल्या ने कहा कि उन पर अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन वह सिर्फ बैंकों को प्राथमिकता नहीं दे सकते हैं, क्योंकि अन्य कर्जदाता भी हैं।

उन्होंने कहा, “अप्रत्याशित तरीके से और जरूरत से अधिक जल्दबाजी में मेरे पासपोर्ट पहले निलंबित और फिर रद्द किए गए। मुझे ई-मेल से इसकी जानकारी मिली।” उन्होंने कहा कि उनका पासपोर्ट छुट्टी वाले दिन रद्द किया गया और उनके जवाब को नजरंदाज कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में निपटारा की पेशकश की है, तो उसे लेकर वह गंभीर हैं।

माल्या ने कहा कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने की पूरी कोशिश की, जो हालांकि सफल नहीं रही। उन्होंने कहा, “अभी भारत में मेरे व्यापार हैं और मैं उन्हें जारी रखना चाहता हूं। वह काफी उच्छा चल रहा है। मैं अभी मजबूरीवश निर्वासित जीवन जी रहा हूं।”

अपने बारे में ठाट-बाट वाली जीवन शैली की हो रही चर्चा पर उन्होंने कहा कि वह सरल जीवन जीते हैं। उन्होंने कहा, “रंगीन कपड़े पहनने में कुछ भी बुरा नहीं है।”

उन्होंने कहा, “जिन्हें जानने की जरूरत है, उन्हें निश्चित रूप से जानना चाहिए कि मैं ब्रांड एंबेसडर हूं। ‘द किंग ऑफ गुड टाइम्स’ किंगफिशर एयरलाइंस का नारा था। चाहे जिस कारण से भी मुझे ‘द किंग ऑफ गुड टाइम्स’ कहा जाता रहा हो, लेकिन अभी तो मैं किंग ऑफ बैड टाइम्स हूं।”

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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