Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

सरकार ने वापस लिया ईपीएफ पर टैक्स का प्रस्ताव

Published

on

ईपीएफ पर टैक्स का का प्रस्ताव वापस, वित्‍तमंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Loading

ईपीएफ पर टैक्स का का प्रस्ताव वापस, वित्‍तमंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ के ब्‍याज के 60% पर टैक्स लगाने का था प्रस्‍ताव चौतरफा दबाव के बाद केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। संसद में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ईपीएफ के 60 प्रतिशत हिस्से पर लगाए जाने वाले टैक्स के प्रावधान को फिलहाल वापस ले रही है। बता दें कि बजट 2016-17 संसद में पेश करने के दौरान ईपीएफ पर टैक्स का ऐलान हुआ था।इसके साथ ही वित्त मंत्री ने लोगों को पेंशन फंड में निवेश करने के लिए कहा। इसके अलावा एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) पर अभी भी 40% रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। वैसे वित्त मंत्री ने कहा है कि इस पर विस्तृत समीक्षा की बात कही है लेकिन फिलहाल ईपीएफ पर टैक्स का खतरा टल गया है।

ईपीएफ के 60% पर टैक्स लगाने का था प्रस्ताव

गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस मामले पर दोबारा विचार करने को कहने के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि यह प्रस्‍ताव वापस हो सकता है। इस प्रस्ताव से देश के करीब छह करोड़ वेतनभोगी प्रभावित होते। ऐसे में कयास लगाए ही जा रहे थे कि जेटली आज संसद में यह प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस ने सरकार के फ़ैसले के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया था।

बजट में क्या प्रस्ताव दिया गया था…

-40% से ऊपर ईपीएफ़ निकालने पर टैक्स

-अप्रैल से जमा 60% रकम पर लग सकता है टैक्स

-पेंशन स्कीम में निवेश पर नहीं लगेगा टैक्स

-15000 रुपये महीने से कम आय पर टैक्स नहीं

क्या था सरकार का तर्क…

-पेंशन योजना को बढ़ावा देना

-एकमुश्त पैसा न निकाल लें लोग

-आर्थिक सुरक्षा बनी रहे

-सिर्फ़ 60 लाख लोगों पर बोझ

-तीन करोड़ से ऊपर 15,000 रुपये महीने वाले

इस पूरे मामले पर काफी हो हल्ला मचा हुआ था। ईपीएफ टैक्‍स के खिलाफ एक लाख से ज्‍यादा लोगों ने ऑनलाइन याचिका पर हस्‍ताक्षर भी किए थे। इस टैक्स को खत्म करवाने के लिए सोशल मीडिया पर #RollBackEPF हैशटैग भी कई दिन चला जिसमें सरकार से लोगों ने अपील की कि इसे वापस ले लिया जाए।

जेटली ने टैक्स संबंधी प्रस्तावों का जिक्र आम बजट में किया था

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘पेंशन के पैसों और ईपीएफ सहित मान्यताप्राप्त भविष्य निधि का 40 प्रतिशत हिस्सा टैक्स फ्री रहेगा…’ विशेषज्ञों ने बातचीत में बताया था कि प्रस्ताव से पहले पांच साल की लगातार नौकरी के बाद कर्मचारी भविष्य निधि की निकासी पूरी तरह आयकरमुक्त थी, लेकिन नए प्रस्ताव के बाद कर्मचारियों को ईपीएफ से निकाली गई कुल राशि के 60 फीसदी हिस्से पर इनकम टैक्स देना पड़ता।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

Published

on

Loading

श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

Continue Reading

Trending