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सम-विषम अस्थायी, प्रदूषण का हल केंद्र के पास : जावड़ेकर

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प्रियंका 

पलदेव (मध्य प्रदेश)| केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में सम-विषम नंबर की कारें एक-एक दिन के अंतराल पर चलाने का प्रयोग प्रदूषण की समस्या का अस्थायी समाधान है। लेकिन, केंद्र सरकार राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए कदम उठा रही है।

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार निर्माण और विध्वंस का नया नियम लागू करेगी। ट्रकों के लिए बाईपास बनाया जाएगा और वर्ष 2020 तक यूरो छह उत्सर्जन मानक लागू किया जाएगा।

जावड़ेकर ने दिए एक साक्षात्कार में कहा, “हर पहल का अपना महत्व है लेकिन सम-विषम योजना एक अल्पकालिक समाधान है। हम जो कदम उठा रहे हैं वह इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान करेगा।”

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से पत्रकारों के लिए मध्य प्रदेश के पलदेव ग्राम पंचायत के दौरे का आयोजन किया गया है। जावड़ेकर ने इस पंचायत के छह गांवों को गोद लिया है। वह इन गांवों में सामाजिक सुविधाएं मुहैया कराएंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1 से 15 जनवरी तक सम-विषम नंबर कार योजना लागू की थी। इसके तहत सम नंबर की कारें सम तिथियों को और विषम नंबर की कारें विषम तिथियों को चली थीं। दोपहिया व सीएनजी चालित वाहनों को इससे छूट मिली थी। विशेषज्ञों का कहना है कि उन पंद्रह दिनों में प्रदूषण में बहुत कम कमी तो नहीं आई थी लेकिन राजधानी में ट्रैफिक जाम की स्थिति से बहुत हद तक निजात मिल गई थी।

जावड़ेकर ने कहा कि निर्माण और विध्वंस के दौरान जो कचरा पैदा होता है उसका राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रदूषण स्तर को बढ़ाने में बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, “भारत में पहली बार हम निर्माण और विध्वंस नियम लागू करने जा रहे हैं। इसकी घोषणा अगले 15 दिनों में कर दी जाएगी।”

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि बाईपास का निर्माण हो जाने से प्रदूषण का स्तर स्थायी रूप से कम हो जाएगा। हजारों ट्रकों और अन्य वाहन, जिन्हें दिल्ली में नहीं आना है, बाईपास से निकल जाएंगे।

जावड़ेकर ने कहा, “बाईपास परियोजना पर पिछले 10 सालों से चर्चा चल रही थी लेकिन मोदीजी ने इसका निर्माण शुरू कराया और यह अगले 18 माह में पूरी हो जाएगी। इससे नागरिकों को बहुत राहत मिलेगी जिन्हें खुद भी अपने वाहन को बेहतर स्थिति में रखकर, अपनी लेन में चल कर, आसपास साइकिल से जा कर और अधिक से अधिक सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर अपना योगदान देना है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य यूरो छह मानक 2020 से लागू करना है। कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की तय अवधि से यह चार साल पहले है। संप्रग सरकार ने इस मानक को 2024 से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। यह एक बड़ा लक्ष्य है लेकिन सरकार को पूरा विश्वास है कि वह इसे हासिल कर लेगी। कार्बन उत्सर्जन के ये मानक पहले के मानकों के मुकाबले कड़े हैं।

उन्होंने बताया कि अगले कुछ वर्षो में राष्ट्रीय राजधानी में डेढ़ लाख ई-रिक्शा चलेंगे। इसके लिए सरकार ई-रिक्शा विधेयक पहले ही पारित कर चुकी है। उन्होंने कहा, “इससे दिल्ली का पूरा परिदृश्य ही बदल जाएगा।”

जावड़ेकर ने गंगा स्वच्छता अभियान की प्रगति पर खुशी जताई।

प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के कुल कार्बन उर्त्सजन में भारत का योगदान महज पांच फीसद है जबकि चीन, यूरोप और अमेरिका तीनों मिलकर 60 फीसद से अधिक उत्सर्जन करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान पानी और ऊर्जा बचाने और वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर है।

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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