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मुख्य समाचार

हैदराबाद विश्वविद्यालय में कक्षाएं शुरू

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हैदराबाद| दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद दो हफ्ते तक जोरदार विरोध प्रदर्शन का सामना करने के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय में सोमवार से कक्षाएं शुरू हो गईं। विश्वविद्यालय परिसर में हालात उस वक्त सामान्य हो गए, जब छात्रों ने प्रशासनिक विभाग की घेराबंदी हटा ली और प्रशासन को कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दे दी।

कई छात्र संगठनों की सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) ने कहा है कि मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखा जाएगा। क्रमिक अनशन जारी रहेगा। जेएसी की मांगों में कुलपति अप्पा राव को बर्खास्त करना भी शामिल है।

जेएसी ने रविवार को अपना मांग पत्र अंतरिम कुलपति पेरियासामी को सौंपा। समिति ने प्रशासन को मांगें पूरी करने के लिए 10 दिन का समय दिया है।

जेएसी की यह भी मांग है कि चार दिन की छुट्टी पर गए विपिन श्रीवास्तव को वापस लौटने पर उन्हें अंतरिम कुलपति का कार्यभार न सौंपा जाए।

विपिन शुक्रवार से छुट्टी पर हैं। जेएसी को वह इसलिए मंजूर नहीं हैं, क्योंकि रोहित समेत पांच दलित छात्रों को निलंबित करने वाली समिति के अध्यक्ष वही थे। 24 जनवरी को अप्पाराव के लंबी छुट्टी पर जाने के बाद विपिन को अंतरिम कुलपति बनाया गया था।

पेरियासामी ने रविवार को आंदोलनकारी छात्रों से बात की। उन्होंने कहा कि छात्रों की मांगें विश्वविद्यालय के दायरे में नहीं आतीं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी मांगें मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने रखें। मंत्रालय के अधिकारी जल्द ही विश्वविद्यालय आने वाले हैं।

जेएसी की योजना चार फरवरी को दिल्ली में मार्च निकालने की भी है। जेएसी की मांगों में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी को पद से हटाना भी शामिल है। समिति इन दोनों को भी रोहित की खुदकुशी के लिए जिम्मेदार मानती है।

इन पांच दलित छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता के साथ संघर्ष के बाद निलंबित कर दिया गया था।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने खुदकुशी के इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। चार दलित छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया गया है। रोहित के घरवालों को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

नेशनल

प्रियंका का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- मेरा भाई 4 हजार किमी पैदल चला, तब आप अपने महल में थे

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बनासकांठा। गुजरात के बनासकांठा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी शहंशाह हैं जो महल में रहते हैं लेकिन जनता से कटे हुए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा, “वह (पीएम मोदी) मेरे भाई को शहजादा कहते हैं लेकिन मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि यह शहजादे आपकी (लोगों की) समस्याएं सुनने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर तक चले। उन्होंने मेरे भाइयों और बहनों, किसानों और मजदूरों से मुलाकात की और उनसे पूछा कि हम उनकी समस्याओं का कैसे समाधान कर सकते हैं।”

प्रियंका ने आगे कहा, ‘और एक तरफ आपके शहंशाह..हैं. महलों में निवास करते हैं। आपने कभी टीवी पर उनका चेहरे को देखा है? एकदम साफ सुथरा सफेद कुर्ता, एक दाग नहीं है धूल का। एक बाल इधर से उधर नहीं होता है। वो कैसे समझ पाएंगे कि आपकी मजदूरी, आपकी खेती। किस तरह से समझ पाएंगे कि आप किस दलदल में धंसे हुए हो। महंगाई से आप दबे हुए हैं। हर तरफ महंगाई, मेरी बहनें… मिट्टी का तेल आज कितने का हो चुका है? सब्जी खरीदने जाती हैं तो भाव क्या है उसका… पेट्रोल डीजल का दाम क्या है, किस तरह से गुजारा होता है। खेती के हर सामान पर जीएसटी लग रही है। हर सामान अब महंगा हो गया है। अगर कोई त्योहार होता है, कुछ खरीदना होता है, फीस भरनी पड़ती है, इलाज करना पड़ता है ये मोदी नहीं जान सकते हैं।

​कांग्रेस महा​सचिव प्रियंका गांधी पीएम पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने दस सालों में अधिकार कम करने का काम किया है। पहले के ​पीएम लोगों के बीच गांवों में जाते थे। लोगों की बातें और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते थे। गुजरात ने पीएम मोदी को सबकुछ दिया। सत्ता दी. पर अब आप उनको देखते हैं, वह बड़े-बड़े लोगों के साथ दिखाई देते हैं। वे कभी किसानों या गरीबों को के बीच नहीं दिखते हैं। वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसी भी गरीब के घर नहीं गए।

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