प्रादेशिक
यूपीः घर में क्वारंटीन में रह रहे शख्स ने की आत्महत्या, ये वजह आई सामने

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में दिल्ली से लौटे शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक अपनी पत्नी के साथ 15 मई को दिल्ली से लौटा था। घटना उमरी बेगमगंज इलाके के भमौरा गांव की है। दिल्ली से लौटने के बाद 24 वर्षीय शख्स होम क्वारंटीन में था।
एसएचओ अतुल चतुवेर्दी ने कहा कि दंपति गांव के बाहर एक झोपड़ी में रह रहा था और अपनी पत्नी के साथ बहस के बाद आदमी ने खुद को फांसी लगा ली। जब उस आदमी ने खुद को फांसी लगाई तब पत्नी बाहर गई थी ।
एसएचओ ने कहा कि उनके परिवार का घर छोटा था और दंपति ने संगरोध अवधि के लिए एक अस्थायी झोपड़ी बनाई थी। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पूर्व ग्राम प्रधान बृज बिहारी तिवारी ने कहा कि वह आदमी एक गरीब परिवार से था और वित्तीय संकट के कारण अवसाद में था।
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लखनऊ: महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने किया डाटा सेंटर का उद्धाटन

लखनऊ। जनगणना कार्य निदेशालय में शुक्रवार को भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी द्वारा आगामी जनगणना के लिए बनाए गए “डाटा सेंटर” का उद्घाटन किया गया जिसमें जनगणना कार्य निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर विवेक जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि “ आगामी जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना है जिसमें मोबाईल एप के द्वारा भारत के नागरिकों की गणना की जाएगी। प्रगणक जनगणना हेतु विकसित एप का उपयोग कर डाटा एकत्रित करेंगे। इस डाटा के संकलन हेतु पूरे भारत में तीन राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित किया गया है जिसका आज शुभारंभ हो रहा है। अन्य दो केंद्र दिल्ली तथा बेंगलुरु में स्थापित किए गए हैं। यह आंकड़ा केंद्र भारत की जनगणना 2021 से संबंधित सम्पूर्ण आंकड़ों को संग्रहित करेगा। जनगणना 2021 भारत के ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को साकार रूप प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण चरण होगी।
नरेन्द्र शंकर पाण्डेय, निदेशक जनगणना कार्य उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर संक्षिप्त अभिभाषण देते हुए कहा कि “भारतीय जनगणना भारत के लोगों की विभिन्न विशेषताओं पर सांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, आगामी जनगणना देश की सोलहवीं तथा आजादी के बाद आठवीं जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि भारत की पहली डिजिटल जनगणना के आंकड़ों के संधारण के लिए बनाए गए “राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र” के आपदा प्रतिपूर्ति स्थल की स्थापना लखनऊ में किया जाना राज्य के लिए गौरव का विषय है। यह केंद्र किसी भी आपदा की दशा में दिल्ली में स्थापित राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र को डाटा की प्रतिपूर्ति करेगा।
इस अवसर पर प्रदीप कुमार, उप महारजिस्ट्रार ने उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित करवाने के लिए भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का आभार व्यक्त करते हुए यह आश्वस्त किया की यह राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र देश की आशाओं पर खरा उतरेगा।
इस अवसर पर संजय, अपर महारजिस्ट्रार, मोहन सिंह थापा, तकनीकी निदेशक, ए. एम. अंसारी, संयुक्त निदेशक, ए. के. राय, कार्यालय अध्यक्ष, अनुपम सिंह सोमवंशी, उप निदेशक, एस. एस. शर्मा, उप निदेशक, राममूर्ति, उप निदेशक, अरून कुमार, उप निदेशक, संतोष कुमार मिश्र, उप निदेशक आदि उपस्थिति थे।
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