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अन्तर्राष्ट्रीय

नामचीन ऑस्ट्रेलियाई कारोबारी की शरणार्थियों को पनाह देने की अपील

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large_article_im194_tony22केनबरा। ऑस्ट्रेलिया के सबसे नामचीन कारोबारी ने सरकार से 12,000 की बजाय 30,000 सीरियाई शरणार्थियों को देश में शरण देने की अपील की है।बिजनेस काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रमुख टोनी शेपर्ड ने यह अपील तुर्की और लेबनान में शरणार्थी शिविर का दौरा करने के दौरान कही। इस दौरे पर ऑस्ट्रेलिया का एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी उनके साथ था।

टोनी ने बुधवार को ‘एबीसी’ के रेडियो नेशनल प्रोगाम को बताया, “मेरे ख्याल से ऑस्ट्रेलिया और बाकी सभी विकसित देश मदद के लिए हाथ बढ़ाने और देश में शरण चाहने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हम 20 से 30 हजार शरणार्थियों को पनाह देंगे।”उन्होंने कहा, “शरणार्थियों ने ऑस्ट्रेलिया में बहुत बड़ा योगदान दिया है।”

टोनी ने कहा, “मेरे ख्याल से ऐसा करना (पनाह देना) हमारी आर्थिक व मानवीय पहुंच के अंदर है। हमारा मानना है कि कारोबार का प्रभाव होना चाहिए और इन जरूरतमंद लोगों को नौकरी व प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।”टोनी ऑस्ट्रेलियन फुटबॉल लीग क्लब ग्रेटर वेस्टर्न सिडनी जाइअन्ट्स के मौजूदा अध्यक्ष हैं। वह पूर्व में सरकार के नेशनल कमीशन ऑफ ऑडिट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ट्रांसफील्ड सर्विसेज के बोर्ड में सेवाएं दे चुके हैं।ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने पिछले साल सितंबर में घोषणा की थी कि संघर्ष प्रभावित सीरिया व इराक के अतिरिक्त 12,000 शरणार्थियों को ऑस्ट्रेलिया शरण देगा।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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