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मनोरंजन

एयर इंडिया कार्यालय पहुंची ‘एयरलिफ्ट’ की टीम

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नई दिल्ली| फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ की टीम के प्रचार के लिए विमानन कंपनी एयर इंडिया के कार्यालय पहुंची। यह फिल्म 1990 के दशक में इराक-कुवैत युद्ध के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकालने के अभियान पर बनी है। एयर इंडिया ने युद्ध के दौरान कई लोगों को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अभिनेता अक्षय कुमार, अभिनेत्री निमरत कौर और ‘एयरलिफ्ट’ के निर्देशक राजा कृष्ण मेनन एयर इंडिया के कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को फिल्म की कहानी बताई, जो शुक्रवार को रिलीज होने वाली है।

‘एयरलिफ्ट’ की टीम ने एयर इंडिया की पुस्तक ‘आर्ट कलेक्शन’ के लिए तस्वीरें खिचवाईं, वहीं विमानन कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने पूरी टीम को एयर इंडिया के एक विमान की डमी एक स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की।

फिल्म के पोस्टर के मुताबिक, युद्ध के दौरान विमानन कंपनी ने 488 उड़ानों के माध्यम से 1,70,000 लोगों को बाहर निकालने में मदद की थी। इसके लिए विमानन कंपनी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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