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गौहर जान 120 साल पहले एक गाने की रिकॉर्डिंग के 3000 रुपए लेती थी….
सर्च इंजन गूगल ने गायिका गौहर जान के 145वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया। वह 78 आरपीएम रिकॉर्ड पर संगीत रिकॉर्ड करने वाले पहले कलाकारों में से एक थीं।
बीबीसी के अनुसार एक राज की बात ये है कि गौहर जान का 13 साल की उम्र में यौन शोषण हुआ था। इसके बावजूद गौहर जान ने पुरुष प्रधान समाज में जो शोहरत, दौलत और रुतबा हासिल किया वो एक मिसाल है।
दिग्गज गायिका व नर्तकी गौहर जान का जन्म (26 जून 1873) उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एंजेलीना योवार्ड के रूप में हुआ था। उनके पिता अर्मेनियाई थे और उनकी मां विक्टोरिया हेमिंग्स जन्म से भारतीय थीं।
विक्टोरिया ने अपना नाम बदलकर मल्का जान रख लिया और एंजेलिना का नाम बदलकर गौहर जान रख दिया। मल्का बनारस में एक प्रसिद्ध गायिका और नर्तकी बन गईं। गौहर जान ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका के रूप में अपना प्रशिक्षण लेना शुरू किया और जल्द ही संगीत के अन्य स्वरूपों के साथ ही कीर्तन और रबींद्र संगीत में प्रवीण हो गईं।
गौहर ने वर्ष 1887 में दरभंगा के राज दरबार में अपनी पहली प्रस्तुति दी। और उन्हें राजदरबार की गायिका नियुक्त कर दिया गया। वर्ष 1896 तक उन्होंने कलकत्ता में प्रस्तुति देना शुरू कर दिया और बड़ी संख्या में लोग उनके प्रशंसक बन गए। कहा जाता है उनके पास बेशुमार धन कई कोठियां थी। बड़े नवाब और जमींदारों के यहां अपने गाने और नृत्य को पेश करने के लिए सौ सोने के सिक्के पहले ले लेती थी।
भारतीय संगीत के इतिहास की रिकॉर्डिंग से गुम 19वीं सदी की गौहर जान वो हस्ती हैं, जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में पहली बार रिकॉर्डिंग की। या यूं कहें कि गौहर जान पहली गायिका थी, जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में अपने गाए गानों की रिकॉर्डिंग करवाई। इसलिए गौहर जान को ‘भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार’ भी कहा जाता है।
भारत में पहली बार साल 1902 में ‘ग्रामोफोन कंपनी’ ने गौहर जान से उनके गाए गीतों की रिकॉर्डिंग करवाई। दिग्गज नर्तकी ने वर्ष 1902 से वर्ष 1920 के बीच बंगाली, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, फारसी, पश्तो, फ्रांसीसी और अंग्रेजी समेत विभिन्न भाषाओं में 600 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए। हर उस जमाने में गौहर जान को हर गीत के लिए उन्हें 3000 रुपए दिए गए। उनकी कुछ चुनी हुई रिकॉर्डिंग एचएमवी के चेयरमैन चॉइस और सांग्स ऑफ़ मिलेनियम सीरीज आज भी उपलब्ध है।
गौहर जान का निधन 17 जनवरी, 1930 को मैसूर में हुआ था।
आपके लिए उनकी एक ठुमरी ‘रस के भरे तोरे नैन’ जिसे गौहर जान ने सन 1905 में गाया था उसे सुनें और इसी ठुमरी को अभी आई फिल्म ‘सत्याग्रह’ में फिल्माया गया जिसे सुनने के बाद आप गौहर जान को याद करेंगे।
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24 अप्रैल को लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड’ से सम्मानित होंगे अमिताभ बच्चन
मुंबई। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन करीब पांच दशक से फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं। अब तक अमिताभ को कई अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। ऐसे में उनकी अवार्ड लिस्ट में एक और नाम जुड़ें जा रहा है।
बिग बी को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। साल 2022 में दुनिया को अलविदा कह चुकी लगा मंगेशकर की याद में इस पुरस्कार को बनाया गया है। ये पुरस्कार खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपने काम से समाज पर बड़ा प्रभाव डाला हो।
इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2023 में यह अवार्ड लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले को दिया गया था। वहीं अब बिग बी को भी इस अवार्ज से सम्मानित किया जाएगा। बिग बी को यह सम्मान लता मंगेशकर के पिता एवं संगीत जगत के दिग्गज दीनानाथ मंगेशकर के स्मृति दिवस पर 24 अप्रैल को दिया जाएगा।
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