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मुख्य समाचार

तेलंगाना में भीड़ ने सरपंच पर हमला किया, तनाव

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हैदराबाद| तेलंगाना राज्य के मेडक जिले के एक गांव में युवक की हत्या से गुस्साई भीड़ ने गांव की महिला सरपंच पर हमला किया एवं उनके घर को आग लगा दी, जिसके चलते शुक्रवार को गांव में तनाव बढ़ गया। आरोप है कि सरपंच के समर्थकों ने एक युवक की हत्या की। इसका बदला लेने के लिए गुस्साई भीड़ ने सरपंच पर हमला किया एवं उनके घर को आग लगा दी।

मारे गए युवक की पहचान करीमनगर जिले के जिल्लेला के श्रीहरि (35) के रूप में हुई है। गुरुवार को मेडक जिले के इब्राहिमपुर गांव में युवक का दुपहिया वाहन गलती से महिला सरपंच लक्ष्मी से टकरा गया था, जिससे भड़के सरपंच के परिजनों एवं समर्थकों ने युवक पर हमला किया।

श्रीहरि ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना से बौखलाए जिल्लेला वासी एवं युवक के रिश्तेदार शुक्रवार को उसका शव लेकर इब्राहिमपुर गांव पहुंचे। उन्होंने सरपंच और उनके बाकी परिजनों को घर से खींचकर बाहर निकाला और घर को आग लगा दी। आग ने दो अन्य घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। भीड़ की पत्थरबाजी में दो पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। गांव की सरपंच और उनके परिजनों को दूसरे घर में पनाह लेनी पड़ी।

नेशनल

किसी ने मौत का सौदागर कहा तो किसी ने गन्दी नाली का कीड़ा, न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सभी सवालों के बड़ी ही बेबाबी से जवाब दिए। पीएम ने कहा कि मुझे मौत का सौदागर तक कहा गया, तो किसी ने गंदी नाली का कीड़ा भी कहा। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 24 सालों से गाली खा-खाकर गाली प्रूफ हो गया हूं।

पर्सनल अटैक के सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खाकर गाली प्रूफ हो गया हूं। मौत का सौदागर किसने कहा था। गंदी नाली का कीड़ा किसने कहा था। पार्लियामेंट में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था कि 101 गालियां दी गई थी। चुनाव या चुनाव न हो, ये लोग मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है और वे हताश निराश इतने हो चुके हैं ये उनके शायद जेहन में उनके स्वभाव में हो गया है।

वहीं ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के साथ अपने संबंधों और चुनाव के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के सभी राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे ही हैं। लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है, संबंध अच्छे होने ही चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब सवाल ये है कि मैं अपने संबंधों को संभालू या ओडिशा के भाग्य की चिंता करूं, तब मैंने रास्ता चुना कि मैं ओडिशा के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा, उसके लिए अगर मुझे मेरे संबंधों को बली चढ़ाना पड़ेगा तो मैं ओडिशा की भलाई के लिए बली चढ़ाऊंगा और चुनाव के बाद सबसे कनवेंस करूंगा कि मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है लेकिन 25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लोकसभा चुनाव में कश्मीर में हो रही रिकॉर्ड वोटिंग पर कहा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं मेरे देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहूंगा कि अगर सरकार किसी काम को करने के लिए उसका एक डिजायन होता है उसकी स्ट्रेटजी होती है, ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए उस स्ट्रैटजी के तहत काम करना पड़ता है।

पीएम मोदी ने आरक्षण की बहस से जुड़े सवाल पर भी जवाब दिया और कहा,”यह बहस मैंने शुरू नहीं की है, मैं सचेत करना चाहता हूं मेरे SC\ST\OBC अति पिछड़े भाई बहनों को कि क्योंकि इन्हें अंधेरे में रखा गया है। चुनाव एक ऐसा समय है जब सबसे बड़ा संकट आ रहा है उसके बारे में मैं लोग को सचेत करूं। इसीलिए मैं आग्रहपूर्वक जनता को समझा रहा हूं। क्योंकि यहां दो चीज़ें हो रही हैं–एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है। संविधान की मर्यादाओं को तार-तार किया जा रहा है। वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए। मुझे याद है कि मैंने सदन में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वह कहते थे थे कि आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं। सच्चाई तो इसमें है नहीं सिर्फ गपबाजी है। तब मुझे समझ आया कि जो लोग खुद को दलितों का हितैषी कहते थे, आदिवासियों का हितैषी कहते थे वह उनके सबसे बड़े विरोधी हैं। क्योंकि ये वही लोग हैं जिन्होंने रातों-रात शैक्षिण संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया। वहां से आरक्षण खत्म कर दिया गया।”

कांग्रेस के घोषणापत्र पर: पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी बात की और कहा,”जब मैंने उनका (कांग्रेस) का घोषणापत्र देखा तो उसपर देखते ही मुझे ‘मुस्लिम लीग’ की छवि दिखाई दी। जब मैंने ये बात कही तो उनको (कांग्रेस) को लगा कि इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है और फिर मैंने एक-एक बात खोली, जैसे–जब कोई इस देश में भी ये कहे कि हम खेल-कूद में भी माइनोरिटी के लिए कोटा फिक्स करेंगे तो ऐसे में देश के खेलकूद की तैयारी करने वाले बच्चों का क्या होगा?”

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