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अन्तर्राष्ट्रीय

बंदूक हिंसा के खिलाफ नियमों की घोषणा करते वक्त रो पड़े ओबामा

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वाशिंगटन| दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति मंगलवार को बंदूक हिंसा से निपटने के लिए नियमों की घोषणा करते वक्त रो पड़े। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को बंदूक हिंसा को नियंत्रित करने के लिए नियमों की घोषणा करते हुए इसे ‘अत्यावश्यक’ बताया। भावुक ओबामा ने इस दौरान यह भी कहा कि देश में हर साल बंदूक हिंसा में 30,000 लोगों की मौत होती है।

ओबामा ने सैंडी हूक इलेमेंट्री स्कूल में वर्ष 2012 में हुई गोलीबारी की घटना का भी जिक्र किया और इस दौरान वह भावुक हो गए। उन्हें आंसू पोंछते देखा गया। उन्होंने नम आंखों के साथ कहा, “मैं जब भी उन बच्चों के बारे में सोचता हूं तो आपे से बाहर हो जाता हूं।” इस घटना में स्कूल के छह कर्मचारियों और 20 बच्चों की मौत हो गई थी। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ओबामा ने जिन नियमों की घोषणा की है, उन्हें कांग्रेस की मंजूरी प्राप्त नहीं है। इसमें बंदूक खरीदने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच पर जोर देते हुए कहा गया है कि हथियार बेचने वाले के लिए लाइसेंस आवश्यक है। साथ ही उसे खरीददार की पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए, अन्यथा उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा होगा।

ओबामा ने व्हाइट हाउस में हथियार नियंत्रण कार्यकर्ताओं और बंदूक हिंसा के पीड़ित परिवारों की मौजूदगी में इन नियमों की घोषणा करते हुए कहा कि उनका प्रशासन खरीददारों की पृष्ठभूमि की जांच और व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अतिरिक्त लोगों की भर्ती करेगा। साथ ही 200 अतिरिक्त एजेंट और जांचकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी, जिससे बंदूक सुरक्षा कानून का ‘स्मार्ट व प्रभावी’ क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि प्रशासन मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए 50 करोड़ डॉलर का निवेश करेगा।
इस बीच, प्रतिनिधिसभा में रिपब्लिकन पार्टी के नेता पॉल रयान ने ओबमा की शस्त्र नियंत्रण योजना के बारे में कहा कि इन्हें अदालतों में चुनौती मिलना तय है, क्योंकि यह स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता है। वहीं, राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अग्रणी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने ट्वीट कर ओबामा की बंदूक नियंत्रण योजना का समर्थन किया। ओबामा लंबे समय से हथियार नियंत्रण के लिए कड़े कानून पर जोर देते रहे हैं। लेकिन इस मामले में उन्हें कांग्रेस से समर्थन नहीं मिला। राष्ट्रपति ने ‘गन लॉबी’ को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने भले ही कांग्रेस को फिलहाल ‘बंधक’ बना लिया हो, पर अमेरिका को बंधक नहीं बना सकते।

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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