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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को पकड़े पाकिस्तान’

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक समाचारपत्र ने बुधवार को कहा कि पठानकोट वायुसेना अड्डे पर किए गए हमले के मास्टरमाइंड को पकड़ने की पाकिस्तान को हर संभव कोशिश करनी चाहिए और भारत की मदद करनी चाहिए। द नेशन ने अपने संपादकीय में लिखा, “पाकिस्तान सरकार को भारत सरकार द्वारा हमले के षड्यंत्रकारियों की तलाश में मदद करनी चाहिए।”

अखबार ने आगे लिखा, “यह अच्छी बात है कि नवाज शरीफ ने अपने भारतीय समकक्ष मोदी को फोन कर संवेदना व्यक्त कर मदद की पेशकश की।”पंजाब के पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर शनिवार को छह आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। माना जा रहा है कि ये सभी छह आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे, जिन्हें जबावी कार्रवाई में सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया। मंगलवार को मोदी ने शरीफ से पठानकोट हमले से जुड़े व्यक्यिों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था। जिस पर शरीफ ने कार्रवाई का वादा किया।

संपादकीय में पठानकोट हमले और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारत के वाणिज्य दूतावास की 25 घंटों तक चले हमले का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी गई है कि “जहां पाकिस्तान पर लंबे समय से अपनी सामरिक नीति को आगे बढ़ाने में आतंकवादियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगता रहा है”, वही इन घटनाओं से दोनों देशों के बीच संभावित द्विपक्षीय बातचीत के टूटने का खतरा पैदा हो गया है।इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान को तदनुसार “काफी सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।” द नेशन ने यह भी कहा है, “अब समय आ गया है कि दोनों देश एक-दूसरे को अपनी बंदूकों का निशाना बनाने के बजाए साथ मिलकर असली दुश्मन को निशाना बनाए, ताकि दक्षिण एशिया में स्थिरता कायम हो सके।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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