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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन और ब्रिटेन ने सीरिया पर जारी किए बयान

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चीन और ब्रिटेन,सीरिया पर जारी किए बयान , आतंकवाद के खिलाफ अभियान तेज, विदेश मंत्री वांग यी और उनके ब्रिटिश समकक्ष फिलिप हैमंड

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बीजिंग। चीन और ब्रिटेन ने सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान तेज करने पर सहमति जताई है। साथ ही वे सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान पर भी जोर दे रहे हैं। चीन और ब्रिटेन ने इस संबंध में मंगलवार को बयान जारी किया। इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके ब्रिटिश समकक्ष फिलिप हैमंड की वार्ता हुई। इस बयान के अनुसार, दोनों देशों ने हाल ही में सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के पक्ष में मतदान किया है और राष्ट्रीय युद्ध विराम के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है। दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय सीरिया सहायता समूह (आईएसएसजी) में सक्रिय भागीदारी जारी रखेंगे। साथ ही वर्ष 2012 के जेनेवा कम्युनिक के अनुरूप सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान के लिए क्षेत्र के देशों के साथ बातचीत जारी रखेंगे। चीन और ब्रिटेन ने कहा कि सीरियाई लोग ही अपने देश के भविष्य का फैसला करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका मुख्य मध्यस्थ की होगी।

दोनों देशों ने सीरिया में संघर्ष के कारण निरंतर परेशानी झेल रहे लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। बयान के अनुसार, इस समय करीब 1.35 करोड़ सीरियाई लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है। दोनों देश फरवरी में होने वाले सम्मेलन में अन्य 60 देशों के साथ शामिल होंगे। इस सम्मेलन में सीरिया के लोगों को तत्काल सहायता की पेशकश पर चर्चा होगी। दोनों देशों ने अपने बयान में सीरिया संकट के साथ-साथ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में आतंकवाद के मूल कारणों की तलाश करने और उन्हें जड़ से समाप्त करने पर भी सहमति जताई। चीन के विदेश मंत्री वांग ने कहा, “सीरिया संकट से उबरने के लिए राजनीतिक समाधान सबसे उचित उपाय है और यह सीरिया के लोगों के मौलिक हितों के पक्ष में भी है। हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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