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अन्तर्राष्ट्रीय

जुकरबर्ग की अपने फॉलोअर्स को चुनौती

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न्यूयॉर्क| अगर आप दौड़ने के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। इस साल फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ)मार्क जुकरबर्ग आपको अपने साथ दौड़ने का मौका दे रहे हैं। जुकरबर्ग ने फेसबुक पर अपने 4.7 करोड़ फॉलोअर्स के लिए एक नई चुनौती का ऐलान किया है। जिसका नाम है ‘रन’। जुकरबर्ग ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “मेरे समक्ष 2016 में भी शारीरिक रूप से फिट रहने की चुनौती है। मैं इस पूरे साल में 587 किलोमीटर की दौड़ पूरी करूंगा। मुझे खुशी होगी कि अगर फेसबुक समुदाय के लोग भी मेरी इस चुनौती में मेरा साथ दें।”

जुकरबर्ग ने एक फोटो भी पोस्ट की। यह फोटो दिल्ली की है, जिसमें वह अपने सहकर्मी क्रिस डेनियल्स और इमी अर्चीबांग के साथ सुबह-सुबह दौड़ लगाते नजर आ रहे हैं। पिछले साल भारत की यात्रा के दौरान यह फोटो ली गई थी। फेसबुक सीईओ ने लिखा, “हमने इस साल को ‘अ ईयर ऑफ रनिंग’ नाम दिया है। मैंने एक सार्वजनिक समूह स्थापित किया है, जिसमें हम सब दौड़ने के रोमांच से जुड़े अपने अनुभव पर चर्चा कर सकते हैं। मैं समय समय पर इससे संबंधित जानकारी देता रहूंगा।”

उपभोक्ता अपने अनुभवों को ‘अ ईयर ऑफ रनिंग’ फेसबुक ग्रुप के साथ जुड़कर साझा कर सकते हैं। जुकरबर्ग ने बताया कि वह समय-समय पर इस अभियान की जानकारी देते रहेंगे। अब तक करीब 43 हजार सदस्य इस समूह से जुड़ चुके हैं। उन्होंने लिखा, “सेहत के लिए दौड़ना अच्छा है लेकिन यह अधिक नहीं होना चाहिए। एक दिन में एक मील दौड़ना पर्याप्त है।”

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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