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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया

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सियोल| उत्तर कोरिया ने बुधवार को एक हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण की घोषणा की। उसके इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। सुबह में उत्तर कोरिया में भूकंप आने की खबर जंगल की आग की तरह फैली, लेकिन कुछ ही घंटों बाद मीडिया रिपोर्टों में ऐसे कयास लगाए गए कि परमाणु परीक्षण स्थल के करीब आया भूकंप ‘अप्राकृतिक’ था। समाचार संस्था  की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया ने एक विशेष घोषणा में कहा कि उसने एक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है।

योनहाप के अनुसार, बम परीक्षण सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) किया गया। परीक्षण ‘पूरी तरह सफल’ रहा और इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने हाड्रोजन बम के साथ परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच अपनी जगह बना ली है।  दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया। उप विदेश मंत्री लिम संग-नाम ने कहा, “उत्तर कोरिया का उकसावा साफ तौर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।”

उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की घोषणा किए जाने के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी सेना को सर्तक कर दिया है और उत्तर कोरिया की निगरानी बढ़ा दी है। उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “इस स्थिति को लेकर दक्षिण कोरिया एवं अमेरिका आपस में सहयोग कर रहे हैं।” दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे सियोल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद पर एक बैठक की अध्यक्षता करेंगी।

वहीं, व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि वह उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण के दावे की पुष्टि नहीं कर सकता। उसने उत्तर कोरिया द्वारा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के उल्लंघन की निंदा की। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि ‘हम लगातार स्पष्ट करते आए हैं कि हम उत्तर कोरिया को एक परमाणु राष्ट्र के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। हम दक्षिण कोरिया सहित हमारे सभी मित्र राष्ट्रों की हिफाजत करते रहेंगे और उत्तर कोरिया के सभी उकसावों का समुचित तरीके से जवाब देंगे।’

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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