अन्तर्राष्ट्रीय
सऊदी, ईरान तनाव घटाएं : अमेरिका
वाशिंगटन| अमेरिका ने सऊदी अरब और ईरान के बीच तीखे राजनयिक तनाव पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से मध्य पूर्व में तनाव घटाने को कहा है। समाचार एजेंसी के अनुसार, व्हाइट हाउस प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने सोमवार को कहा, “हमारा आग्रह सभी संबद्ध पक्षों से संयम बरतने और उस तनाव को और भड़कने से रोकने का है, जो क्षेत्र में काफी खुलकर नजर आ रहा है।” अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री के संपर्क में हैं। वह जल्द ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री से भी बात करेंगे।
सऊदी अरब ने रविवार को ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया था। उसने यह कदम ईरान में अपने दूतावास पर ईरानी प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद उठाया था। प्रदर्शन सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु निम्र अल निम्र को फांसी दिए जाने के खिलाफ किया गया था। अर्नेस्ट ने कहा, “हमने देखा है कि कई बार अस्थिरता मध्यपूर्व में सांप्रदायिक रंग ले लेती है। यह महज इत्तेफाक नहीं है। ”
प्रवक्ता ने सभी पक्षों के लोगों से ऐसे कदम उठाने की अपील की जिनसे क्षेत्र के सभी देशों को फायदा हो। सऊदी अरब के साथ तीन अन्य सुन्नी नेतृत्व वाले देशों, बहरीन, सूडान और संयुक्त अरब अमीरात ने सोमवार को शिया बहुल ईरान से या तो राजनयिक संबंध तोड़ लिए या इन्हें काफी कम कर दिया। सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर ने सोमवार को ईरान के साथ हवाई संपर्क खत्म करने और नागरिकों को ईरान की यात्रा नहीं करने देने के फैसलों का ऐलान किया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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