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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में जिप्सम खदान ढही, 11 को बाहर निकाला

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बीजिंग। चीन में शुक्रवार को जिप्सम खदान के ढहने से अंदर फंसे 29 खदानकर्मियों में से 11 को शनिवार सुबह सकुशल बाहर निकाल लिया गया। 

बचावकर्मी ने बताया कि बचावकर्मियों ने शनिवार सुबह कड़ी मेहनत के बाद खदान में फंसे एक खदानकर्मी को बाहर निकाला। इस खदानकर्मी का पैर बोल्डर के नीचे दबा हुआ था।

चीन की पिंगई काउंटी की जिप्सम खदान में स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 7.56 बजे खदान ढह गई। इसमें कम से कम 29 लोग काम कर रहे थे।

बचाव दल के विशेषज्ञों ने कहा कि बचावकर्मियों ने दो अलग-अलग स्थानों पर फंसे 18 खदानकर्मियों का पता लगा लिया। हालांकि सुरंग के लगातार ढहने और चट्टानों के गिरने से बचाव कार्यो में बाधा आ रही है।

हालांकि, अभी तक खदान के ढहने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

चीन भूकंप नेटवर्क्‍स केंद्र के आधिकारी माइक्रोब्लॉग के मुताबिक, पिंगई काउंटी में रिक्टर पैमाने पर चार तीव्रता के भूकंप की वजह से खदान ढही है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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