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वीरभद्र की याचिका खारिज
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उस याचिका को एक अदालत ने बुधवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे थे।
सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार ने सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ शुरुआती जांच का पूरा रिकार्ड मांगा गया था। इसी जांच के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
अदालत ने कहा, “शुरुआती जांच सिर्फ यह जानने के लिए की गई थी कि यह मामला नियमित जांच के लिए दर्ज किए जाने के योग्य है या नहीं?” अदालत ने कहा, “प्राथमिकी जांच का प्रारंभ बिंदु है। अगर किसी दस्तावेज या संलग्नक को इसका हिस्सा नहीं बनाया गया है तो उसकी प्रति आरोपी को दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है।”
अपनी याचिका में वीरभद्र सिंह ने कहा था कि सीबीआई ने उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति नहीं दी है। दूसरी ओर, सीबीआई ने एक सीलबंद लिफाफे में संपूर्ण दस्तावेज अदालत को सौंप दिए हैं। वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी पर आरोप है कि सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहने के दौरान इनके पास इतनी संपत्ति आ गई थी जो सिंह की आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी। वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और सहयोगी चुन्नीलाल के खिलाफ 23 सितंबर को भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
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