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मुख्य समाचार

साहित्यकार देश में सहिष्णुता का माहौल बनाने के लिए सुझाव दें : राजनाथ

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बनारस। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश में धार्मिक असहिष्णुता को लेकर वामपंथी साहित्कारों के सम्मान वापसी पर रविवार को कहा कि देश की हालत जितनी खराब ये लोग बता रहे हैं, वैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को लगता है कि देश में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ी है। लेकिन मैं उनसे निवेदन करता हूं कि वे देश में सहिष्णुता का माहौल बनाने का सुझाव दें।”

राजनाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम को भी भारत लाने में कामयाब होगी। छोटा राजन आ रहा है। इसके बाद अब दाऊद इब्राहिम का ही नंबर है। थोड़ी प्रतिक्षा कीजिए। बनारस में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए गृहमंत्री ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बातें कही। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जात-पांत व मजहब से ऊपर उठकर कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मामला है। अगर राज्यों में कहीं पर ऐसा माहौल बनता है तो सरकारों को इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। धार्मिक असहिष्णुता के लिए सीधे प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार पर निशाना साधना अनुचित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अच्छे से अपना काम कर रही है। देश के जीडीपी ग्रोथ रेट को गति मिली है।

बिहार चुनाव में राजग की सम्भावना पर राजनाथ ने कहा कि तमाम सर्वे और आकलन से साफ है कि तीन चरणों में अब तक हुए मतदान में राजग भारी पड़ रहा है। सरकार भाजपा अपने दम पर बनाएगी। सीमा पर लगातार पाक की ओर से फायरिंग तनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी होता रहा है। लेकिन हमारे जवान अपना काम अच्छे से कर रहे हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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