मनोरंजन
तापसी पन्नू ने शराब के विज्ञापन से किया इनकार
मुंबई। असल जिंदगी में नशे में चूर रहने वाली अभिनेत्री तापसी पन्नू ने शराब का विज्ञापन करने से इनकार कर दिया है। पन्नू ने बताया कि उन्होंने शराब के ब्रांड के साथ जुड़ने से इसलिए इनकार किया, क्योंकि वह शराब का प्रचार करना नहीं चाहतीं। ‘बेबी’ की अभिनेत्री ने कहा कि विज्ञापन का चयन उनके व्यक्तित्व को दर्शता है।
तापसी ने अपने बयान में कहा, “मैं ब्रांड और उनके उत्पाद को लेकर हमेशा सर्तक रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह दर्शकों को मेरी छवि दर्शाते हैं कि मैं असल में क्या हूं। मैं सिर्फ उन्हीं का विज्ञापन करती हूं जिन पर मुझे भरोसा होता है।”
उन्होंने कहा, “यह (शराब) निश्चित रूप से मेरी सूची में नहीं है और बहुत हैरान हुई, जब यह पहली बार मेरे पास आया। यह निश्चित रूप से मेरा उत्पाद नहीं है जिसका मैं विज्ञापन मैं करूं। मैं इसका विज्ञापन इसलिए नहीं करना चाहती, क्योंकि मैं इसका इस्तेमाल करती हूं बल्कि इसलिए भी कि मैं इसका प्रचार करना नहीं चाहती।” अभिनेत्री बॉलीवुड के साथ-साथ अन्य उद्योगों में भी काम कर चुकी हैं। उन्हें पिछले सप्ताह शराब के विज्ञापन की पेशकश की गई थी। तापसी के पास ‘रनिंग शादी डॉट कॉम’, ‘आगरा का डाबरा’ जैसी कई फिल्में हैं।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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