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भारत, अफ्रीका सुरक्षा परिषद से दूर नहीं रखे जा सकते : सुषमा

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि भारत और अफ्रीका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता से ज्यादा समय तक बाहर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का 70वां सत्र लंबे समय से लंबित पड़े इस विषय पर ठोस नतीजे प्राप्त करने का उपयुक्त अवसर है।

सुषमा ने यहां तीसरे भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन की मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान कहा कि जब तक वैश्विक प्रशासन की संरचना अधिक लोकतांत्रिक नहीं होती, तब तक एक अधिक न्यायसंगत अतंर्राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विकास की रूपरेखा से विश्व मरहूम रहेगा। उन्होंने कहा कि विश्व में सामूहिक शांति और समृद्धि के लिए अधिक लोकतांत्रिक वैश्विक संरचना के लिए बेहद जरूरी है।

सुषमा ने कहा, “भारत और अफ्रीका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता से अधिक समय तक बाहर नहीं रखा जा सकता।” उन्होंने कहा, “हम उस शासकीय ढांचे से विधिसंगत कार्रवाई की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, जिससे पूरा अफ्रीकी महाद्वीप और दुनिया की छठे मानव समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत को को बाहर रखा गया है।”

सुषमा ने कहा कि भारत सैम कुटेसा के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के दौरान हुई प्रगति और हासिल उपलब्धियों का स्वागत करता है। सुषमा ने कहा, “हम एक सतत प्रक्रिया के जरिए इसे आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि विश्व ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाई है। उन्होंने कहा, “भारत और अफ्रीका में लगभग 2.5 अरब मानवीय आबादी निवास करती है इसके बावजूद हमें संयुक्त राष्ट्र में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।”

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति बहाली अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में भी भारत और अफ्रीका संयुक्त राष्ट्र के लंबे समय से सहयोगी हैं। सुषमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में अब तक 1,80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों ने भाग ले चुके हैं, जो किसी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि भारत, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में अपनी भागीदारी बढ़ाएगा, जिसके तहत भारत में मौजूद केंद्रों पर अफ्रीकी शांतिदूतों को प्रशिक्षण देना शामिल है।

प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भीषण सड़क हादसा, खाई में गिरी पिकअप, 18 महिलाओं समेत 19 मजदूरों की मौत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र में सोमवार को बहपानी गांव के पास एक पिकअप के खाई में गिर जाने से कम से कम 19 मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में 18 महिलाएं हैं। यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब पिकअप वाहन तेज रफ्तार में मजदूरों को लेकर जंगल से वापस लौट रहा था। इस दौरान ढाल पर ड्राइवर ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और वह पलट गई। उस वक्त गाड़ी में 25 लोग सवार थे। हादसा होते ही इलाके में चीख-पुकार मच गई।

कवर्धा हादसे में लोगों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी सोमवार को अपनी संवेदना व्यक्त की। एक्स पर पोस्ट करते हुए CM साय ने कहा, ”कबीरधाम जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के बहपानी गांव के पास पिकअप पलटने से 18 ग्रामीणों की मौत और 4 के घायल होने की दुखद खबर मिल रही है। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।” जिला प्रशासन घायलों के बेहतर इलाज के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी शोक जताया और कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कवर्धा घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सड़क दुर्घटना बेहद दर्दनाक है। इस दुर्घटना में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं।”उन्होंने कहा, “इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करने में लगा हुआ है।”

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सोमवार को कवर्धा दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। भूपेश बघेल ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है, इसमें 19 लोगों की मौत हो गई है। ये लोग तेंदू पत्ते तोड़कर लौट रहे थे जब यह दुर्घटना हुई। हमने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है।”

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